विवाहिता का शव दफनाने को लेकर बुधवार को उस समय हंगामा खड़ा हो गया, जब कब्र खोदी जाने लगी। पड़ोसी गांव के लोगों ने यह कहते हुए शव दफनाने से मना कर दिया कि यह जमीन उनके गांव की है। इसे लेकर दो गांवों के लोग आमने-सामने हो गए। करीब 5 घंटे तक चले हंगामे के बाद भारी पुलिस बल की मौजूदगी में पैमाइश कराई गई तब जाकर सीमा विवाद समाप्त हो सका और पुलिस प्रशासन ने राहत की सांस ली।
फूलपुर कोतवाली के इफको पुलिस चौकी क्षेत्र के कनौजा खुर्द गांव के रहने वाले अनिल कुमार की पत्नी सरिता देवी 32 की बीमारी के चलते मौत हो गई। बुधवार सुबह शव दफनाने के लिए गांव के पूर्वी छोर पर परिजन कब्र खोदना शुरू किया तो पड़ोसी गांव हैबतपुर जो हंडिया तहसील की सीमा का गांव है। प्रधान समेत गांव के लोगों ने यह कहते हुए कब्र खोदने से मना कर दिया कि उनके गांव के शमशान की भूमि है। वहीं मृतका के परिजन व ग्राम प्रधान समेत ग्रामीणों ने फूलपुर तहसील के कनौजा खुर्द गांव की भूमि होने का दावा करते रहे।
मामला बढ़ा तो इफको पुलिस चौकी इंचार्ज चंदन सरोज मय पुलिस बल के मौके पर पहुंच गए। उधर सूचना पर नायब तहसीलदार हंडिया के साथ ही हल्का लेखपाल व राजस्व टीम भी मौके पर पहुंची। पुलिस प्रशासन दोनों गांव के लोगों को काफी देर तक समझाने-बुझाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं मानें। जिससे सुबह से लेकर शाम करीब 3 बजे तक दोनों गांव के लोगों के बीच कहासुनी और हंगामे का दौर चलता रहा।
उधर राजस्व टीम ने सीमांकन किया तो कनौजा खुर्द गांव के शमशान की भूमि करीब 5 विश्वा निकली। शेष भूमि हैबतपुर गांव की रही। फिलहाल करीब 5 घंटे चले हंगामे के बाद पुलिस प्रशासन ने किसी तरह मामला शांत कराया।
शव लेकर झूंसी चले गए गुस्साए परिजन, गंगा किनारे किया अंतिम संस्कार
दो गांवों के सीमा पर स्थित शमशान की भूमि में शव दफनाने के मामले में पुलिस प्रशासन के पहुंचने के बाद भी हो रही देरी से गुस्साएं मृतक विवाहिता के परिजन शव का अंतिम संस्कार करने के लिए झूंसी के छतनाग घाट लेकर चले गए और गंगा नदी के किनारे शाम करीब 5 बजे के बाद शव का अंतिम संस्कार कर दिया। उधर पुलिस-प्रशासन विवादित शमशान भूमि की पैमाइश कर चिंहित करने के बाद वापस चले।
परिजन चार दिन से घर पर रखे थे मृतका का शव
फूलपुर के इफको पुलिस चौकी क्षेत्र के कनौजा खुर्द गांव की रहने वाली सरिता देवी 32 की मौत 24 मार्च को बीमारी के चलते हुई थी। परिजनों के मुताबिक उसका पति अनिल कुमार मुंबई में रहकर नौकरी करता है। पत्नी की मौत की खबर मिली तो वह ट्रेन से घर के लिए रवाना हुआ। मौत के चौथे दिन बुधवार को वह घर पहुंचा तो गांव के शमशान भूमि पर शव दफनाने के लिए कब्र खोदने की प्रक्रिया शुरू हुई।