#UP Politics: रामनरेश सांसद से सीएम तो मुलायम-अखिलेश सीएम से सांसद बने#

पूर्वांचल की चर्चित सीटों में गिनी जाती है आजमगढ़ लोकसभा सीट। एक दो नहीं बल्कि प्रदेश के तीन-तीन मुख्यमंत्रियों ने आजमगढ़ लोकसभा सीट का संसद में प्रतिनिधित्व किया। इसमें एक जनता पार्टी तो दो समाजवादी पार्टी के टिकट पर यहां से जीते थे। प्रदेश के तीन मुख्यमंत्रियों रामनरेश यादव, मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव संसद में आजमगढ़ का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
रामनरेश यादव आपातकाल के बाद 1977 में हुए चुनाव में जनता पार्टी के टिकट पर आजमगढ़ से सांसद चुने गए। यह अलग बात रही कि सांसद चुने जाने के एक साल बाद ही 1978 में प्रदेश में जनता पार्टी की सरकार बनी और उन्हें मुख्यमंत्री बना दिया गया। वे पहले सांसद निर्वाचित हुए और बाद में मुख्यमंत्री का दायित्व संभाला। इसी तरह 2014 के चुनाव में आजमगढ़ लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर मुलायम सिंह यादव सांसद चुने गए। इससे पहले मुलायम सिंह तीन बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके थे।

2019 के चुनाव में सपा की इस परंपरागत सीट पर पूर्व सीएम अखिलेश यादव मैदान में उतरे और छह लाख से अधिक मत प्राप्त कर रिकॉर्ड जीत दर्ज की। तीन-तीन मुख्यमंत्रियों के प्रतिनिधित्व वाली यह सीट इस चुनाव में भी पूर्वांचल की हॉट सीटों में शामिल है। सपा ने इस बार इस सीट से धर्मेंद्र यादव को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा अपने निवर्तमान सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ को मैदान में उतार चुकी है।
चंद्रजीत व रमाकांत के नाम चार-चार जीत
आजमगढ़ संसदीय सीट पर सर्वाधिक चार-चार बार चंद्रजीत यादव और रमाकांत यादव ने जीत दर्ज की है। चंद्रजीत यादव 1967, 1971, 1980 व 1991 में तो रमाकांत यादव 1996, 1999, 2004 व 2009 में सांसद चुने गए। पहले यदुवंशी के रूप में इस सीट से 1962 में रामहरख यादव ने जीत दर्ज की। 1989 में बसपा से रामकृष्ण यादव संसद पहुंचे, 1977 में रामनरेश यादव ने जीत दर्ज की।