#घूमने की खौफनाक प्लानिंग: मजदूरी की, बैट बेचा फिर घर से भागे कक्षा पांचवीं में पढ़ने वाले चार बच्चे#
बच्चों की मनोदशा पर आधारित हैरान कर देने वाली एक घटना औरैया जिले से सामने आई है। अजीतमल क्षेत्र के गांंव मुड़ैना रूप सहाय में कक्षा-5 में पढ़ने वाले चार बच्चे एक साथ घर से बिना बताए छह मार्च को ट्रक से फिरोजाबाद निकल जाते हैं। वहां जाने के लिए चारों दोस्तों में एक ने अपनी गेंद व बल्ला बेचकर व एक छात्र ने आलू की खोदाई से मिले रुपयों जोड़े। फिरोजाबाद पहुंचने पर चारों दोस्तों ने जैन मंदिर के पास पहले बिस्कुट खाए और उसके बाद चाऊमीन का मजा लिया। इधर परिजन बच्चाें के लापता होने के बाद उनकी खोजबीन में जुट गए। पुलिस को भी बच्चों के लापता होने की जानकारी दी। जिस पर पुलिस भी उनकी खोजबीन में जुट गई। इधर दूसरे दिन बच्चे वापस घर लौट आए तब जाकर परिजनों ने राहत की सांस ली।
अजीतमल के मुड़ैना रूप सहाय निवासी शंकर, अरुण, ऋतिक व अभिषेक कक्षा-5 में गांव के ही प्राथमिक विद्यालय में एक साथ पड़ते हैं। 6 मार्च को चारों बच्चों ने घूमने की प्लानिंग की। स्कूल की छुट्टी होने के बाद चारों बच्चे नेशनल हाईवे के अनंतराम टोल प्लाजा पर पहुंचे। जहां पर बच्चों ने एक ट्रक से फिरोजाबाद जाने के लिए कहा तो ट्रक ड्राइवर ने चारों बच्चों को फिरोजाबाद पहुंचा दिया। जैन मंदिर के पास चारों बच्चे उतर गए।
फिरोजाबाद जाने की जानकारी बच्चों ने घर पर नहीं दी। जिससे परिजन परेशान हो गए। परिजन बच्चों की तलाश कर रहे थे, न मिलने पर पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस भी तलाश कर रही थी। बच्चे सात मार्च की सुबह वापस घर लौट आए। जहां परिजनों को अपनी कहानी सुनाई।
ऐसे जुटाए रूपये
बच्चों के द्वारा आलू की बिनाई करके चार सौ रुपये जुटाए गए थे। शंकर ने अपने क्रिकेट बल्ले को 100 रुपये में बेच दिया था। इसके अलावा आलू की खोदाई से मिले चार सौ रुपये समेत 500 रुपये लेकर स्कूल की छुट्टी के बाद बच्चे अनंतराम टोल प्लाजा नेशनल हाईवे पर पहुंचे। वहां पर एक ट्रक पर बैठ कर फिरोजाबाद गए। ट्रक वाले ने बच्चों को जैन मंदिर के पास उतार दिया। बच्चों ने वहां पर पहले बिस्किट खाए उसके बाद चाऊमीन खाई। फिर बच्चे देर रात फिरोजाबाद से बस में बैठकर इटावा पहुंचे। जहां पर बस में चारों बच्चों से 100 रुपये किराया लिया गया। उसके बाद बस बदल कर अनंतराम के लिए आए। जहां पर 100 रुपए किराया लिया गया। वहीं शंकर ने बताया कि उसने साथियों के साथ मिलकर घूमने की प्लानिंग की थी। जिसके लिए पैसा एकत्र किया था।