#सीएम योगी के निर्देश के बाद LDA ने लिया बड़ा फैसला, अब गांवों में अवैध प्लाॅटिंग होगी बंद- यह है बड़ी वजह#
शहर के आउटर क्षेत्रों में किसान पथ सहित महत्वपूर्ण स्थानों पर जिला पंचायत से नक्शा पास कराकर हो रही अवैध प्लाटिंग और अनियोजित विकास पर रोक लगेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को एलडीए का विस्तार पूरे लखनऊ जिले तक करने के आदेश दिए हैं। उनके आदेश के बाद एलडीए ने विस्तार का खाका नए सिरे से बनाना भी शुरू कर दिया है।
एलडीए ने सन 1999 में पहली बार और वर्ष 2014 में दूसरी बार अपने क्षेत्र का विस्तार किया था। उस समय एलडीए के क्षेत्र में 1050 वर्ग किलोमीटर के दायरे में 307 राजस्व गांव आते थे। एलडीए ने इनको मास्टर प्लान 2031 में शामिल करते हुए जीआइएस टैगिंग भी करा दी है। अब एलडीए का विस्तार सरोजनीनगर, काकोरी, मलिहाबाद, बख्शी का तालाब, गोसाईंगंज , मोहनलालगंज विकास खंड में भी होगा। इसके अलावा लखनऊ में यूपी सीडा व लीडा में भी एलडीए विकास कर सकेगा। इसका प्रस्ताव एलडीए पिछले साल की बोर्ड बैठक में पारित कर चुका है। शासन स्तर पर यह मामला लंबित था।हालांकि इससे पहले एलडीए ने लखनऊ के सभी ब्लाकों के साथ बाराबंकी के निंदूरा, देवा, बंकी विकास खंड के सभी क्षेत्रों, बाराबंकी की नवाबगंज नगर पालिका परिषद को भी लखनऊ विकास प्राधिकरण के क्षेत्र में शामिल करने का प्रस्ताव बोर्ड बैठक में पारित करके शासन को भेजा था। शासन ने बाराबंकी के हिस्से को एलडीए के विस्तार से बाहर कर दिया था। अब एलडीए को पूरे लखनऊ जिले में विस्तार करना है। ऐसे में एलडीए के बाद नई योजनाओं के लिए लैंड बैंक भी उपलब्ध हो सकेगा।
विस्तार होने के बाद मोहनलालगंज सहित सभी आउटर क्षेत्रों में खेतों को काटकर ही की जा रही अनियोजित अवैध प्लाटिंग और निर्माण को रोकने में भी मदद मिलेगी। वर्ष 2014 में जिला पंचायत और एलडीए के बीच मानचित्र स्वीकृत करने को लेकर विवाद भी उठा था।
सुलतानपुर रोड पर एलडीए जिस हिस्से को अपना विकास क्षेत्र बताता था, वहां निजी डेवलपर और बिल्डरों ने बड़े पैमाने पर जिला पंचायत से नक्शा पास कराकर अवैध प्लाटिंग कर दी। करीब 39 हजार लोगों ने रजिस्ट्री करवाकर जब निर्माण करने की तैयारी की तो एलडीए का बुलडोजर इन अवैध प्लाटिंग पर चल गया। लखनऊ इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट एरिया (लीडा) के 45 गांव भी एलडीए में अब शामिल हो जाएंगे। इसका प्रस्ताव तो एलडीए पहले ही अपनी बोर्ड बैठक में पारित करके शासन को मंजूरी के लिए भेज दिया है।