#कचहरी के चक्कर में बर्बादी की गाथा सुनकर टूटता परिवार एक हुआ#

मिर्जापुर। आए थे मन में झगड़े और विवाद का तूफान लेकर लेकिन जब यह समझाया गया कि जिंदगी स्नेह-प्रेम की बंदगी से चलती है न कि विवादों की गंदगी से तब आपसी गिला-शिकवा भुला कर बहू ने सास-श्वसुर का चरण- स्पर्श किया और झिक- झिक का नज़ारा गले मिलने के साथ चेहरे पर मुस्कान के रूप में बदल गया। इसी बीच सास-श्वसुर की सेवा का इरादा बहू ने जब जताया तब सास-श्वसुर ने माथे पर हाथ रखकर उज्ज्वल भविष्य का आशीर्वाद भी दिया।
आक्रोश की जगह स्नेह की वर्षा का यह दृश्य पुलिस लाइन के परिवार परामर्श केंद्र में रविवार, 18 फरवरी को देखा गया। प्रोजेक्ट मिलन के तहत यहां पति-पत्नी के बीच सामंजस्य तथा स्नेहिल माहौल पैदा करने की साप्ताहिक मीटिंग चल रही थी। ढेरों विवादों के बीच कोतवाली देहात के करनपुर क्षेत्र का निवासी अजय बिंद अपनी पत्नी आरती के साथ उपस्थित हुआ। दोनों पक्षों से माता-पिता भी आए थे। पत्नी आरती को सास के कटु वचन नहीं सुहाते थे। जबकि वृद्ध अवस्था की सास बहुत पढ़ी-लिखी न होने की वजह से नई पीढ़ी के साथ सामंजस्य नहीं बैठा पा रही थी। दोनों पक्षों की बात सुनकर केंद्र की गैर सरकारी सदस्य डॉ कृष्णा सिंह एवं पार्वती पांडेय ने लड़ाई-झगड़े से होने वाली पारिवारिक, सामाजिक तथा शारीरिक क्षति के बारे में बड़े मनोवैज्ञानिक ढंग से समझाया और कचहरी के चक्कर में समय एवं धन की बर्बादी के बारे में भी बताया तब दोनों पक्षों ने एक रहने में ही भलाई समझा।


दोनों सदस्यों ने बहू से कहा कि सास का पांव पकड़ कर आशीर्वाद माँगों। ऐसा करते ही सास ने बहू के सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद दिया। इसी के साथ दोनों पक्षों के पिता भी गले मिले। इस तरह टूटते परिवारों के बीच स्नेह की धारा सदस्यों ने बहाई। बोझिल माहौल सहज हुआ। इस अवसर पर गौरसरकारी सदस्य सलिल पांडेय, महिला आरक्षी सावित्री यादव एवं संगीता भी उपस्थित थीं।