अभी तक आप सभी ने लड़का व लड़की की शादी देखी होगी। जिसमें सज संवर कर दूल्हा बरात लेकर पहुंचता है। दूल्हन पक्ष की ओर से बरात का भव्य स्वागत किया जाता है और उनके आदर सत्कार में कोई कसर नहीं छोड़ी जाती है, लेकिन बहराइच में मंगलवार की रात एक अनोखी बरात पहुंची। जिसमें सिर पर पगड़ी लगाकर कोई लड़का नहीं एक बछड़ा पहुंचा। वहीं, उसके साथ डीजे की धुन पर नाचते-गाते 500 से अधिक बराती भी पहुंचे। लड़की पक्ष के लोगों ने बरात का भव्य स्वागत किया और हिंदू रीति रिवाज से द्वार पूजन व सात फेरों का संस्कार संपन्न करवाया गया। जिले में गौ संरक्षण की अलख जगाने के लिए मंगलवार की रात एक अनोखा विवाह संपन्न हुआ। जहां श्रावस्ती जिले के इकौना थाना क्षेत्र के रामपुर कटेल गांव के चिरंजीव नंदी (बछड़े) की बरात पहुंची। पयागपुर थाना क्षेत्र के निहनिया कुट्टी गांव पहुंची इस अनोखी बरात का लड़की आयुष्मती नंदिनी (बछिया) पक्ष के लोगों ने जोरदार स्वागत किया।
हिंदू रीति रिवाज के अनुसान बरात में शामिल बरातियों को फूलों की माला पहनाकर उनका स्वागत किया गया। यही नहीं बरातियों को जलपान व नाश्ता भी करवाया गया। नाश्ते के बाद डीजे की धुन पर नाचते गाते बरात द्वारपूजन के लिए निकली। जहां वेदी बना कर बैठे पंडित जी ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ द्वार पूजन करवाया। इसके बाद रात में नंदी व नंदिनी ने आग को साक्षी मान कर विवाह के सात फेरे लिए। यही नहीं विवाह के दौरान पंडित जी ने दोनों को सात कसमें भी खिलाईं। पुरानी परंपरा के अनुसान तीन दिन की इस बरात का स्वागत अभी जारी है। विदाई की रस्म 28 दिसंबर को पूरी की जाएगी।
12 को हुआ था बरीक्षा संस्कार, डीजे पर खूब नाचे बराती
हिंदू रीति-रिवाज में शादी से पूर्व तिलक व बरीक्षा संस्कार होता है। नंदी व नंदिनी की शादी से पूर्व 12 दिसंबर को बरीक्षा व तिलक कार्यक्रम संपन्न किया गया। वहीं इसके बाद मंगलवार को दूल्हा तैयार करने से लेकर बरात निकालने की सारी रस्में पूरी करते हुए श्रावस्ती के रामपुर कटेल से बरात निकाली गई। इस दौरान दूल्हा सजाने के दौरान भी बाहर बैंडबाजा व नगाड़े की व्यवस्था रही साथ ही डीजे व जगमग लाइटों के साथ बरात पहुंची।
दूल्हा देखने के लिए उमड़ा जनसैलाब
जिस किसी को भी इस अनूठी शादी की सूचना मिली वह दूल्हा देखने के लिए घर से भाग पड़ा। पयागपुर के निहनिया कुट्टी गांव बरात पहुंचने पर सूचना के रूप में गोला दगते ही सबकी उत्सुकता बढ़ गई। द्वारचार के दौरान दूल्हा देखने के लिए महिलाओं में सबसे ज्यादा उत्सुकता रही। इस दौरान महिलाएं दूल्हा बने नंदी के सिर पर लगी पगड़ी, गले में रुपयों की माला व विवाह जोड़े को लेकर चर्चा करती रहीं।
गौसंरक्षण का संदेश देने के लिए किया आयोजन
अनूठे विवाह को लेकर बछड़े के संरक्षक श्रावस्ती निवासी भभूति प्रसाद ने बताया कि गौ संरक्षण व गौ सेवा की बात लोग करते हैं, लेकिन ध्यान कोई नहीं देता। ऐसे में लोगों को गौ माता के संरक्षण व रक्षा के प्रति जागरुक करने के लिए यह प्रयास किया। उन्होंने बताया कि केवल छोटी सी पहल की थी लेकिन लोगों के सहयोग से यह बड़ा संदेश देने वाला आयोजन बन गया।