#यूपी: लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में बड़े फेरबदल की तैयारी, बदले जा सकते हैं कई जिलों के अध्यक्ष#

कांग्रेस ने प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक के बाद अब जिलों की ओवरहालिंग शुरू कर दी है। करीब 15 जिलों में नए लोगों को जिलाध्यक्ष बनाया जाएगा, जबकि 60 जिलों में पुराने जिलाध्क्षों के कंधे पर ही लोकसभा चुनाव का भार रहेगा। इसकी कवायद शुरू कर दी गई है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पूर्व मंत्री अजय राय ने कार्यभार ग्रहण करने के बाद क्षेत्रवार समीक्षा बैठक की। इन बैठकों ने संबंधित लोकसभा क्षेत्र की स्थिति का न सिर्फ जायजा लिया बल्कि संगठनात्मक ढांचें को दुरुस्त करने की रणनीति बनाई। यही वजह है कि उनकी 130 सदस्यीय प्रदेश कार्यकारिणी में ज्यादा युवा चेहरों को तवज्जो मिली। कार्यकारिणी में करीब 60 पुराने और 70 नए लोगों को मौका दिया गया है। मंगलवार को हुई समीक्षा बैठक में परिवर्तन यात्रा निकालने से लेकर अन्य कार्यक्रमों की रणनीति बनाई गई है।

संगठनात्मक ढांचे पर विशेष रूप से फोकस किया गया है। सूत्रों की मानें तो पार्टी की रणनीति है कि कम समय को देखते हुए करीब 60 जिलाध्यक्षों को सक्रिय करके उन्हीं के कंधे पर लोकसभा चुनाव का भार रखा जाए। यही वजह है कि प्रदेश कार्यकारिणी में शामिल सभी उपाध्यक्षों, महासचिवों एवं सचिवों को निर्देशित किया गया है कि वे संबंधित जिले में जिलाध्यक्ष से पूरी तरह से समन्वय रखें।

बूथ कमेटियों का गठन करें। किसी भी तरह का आपसी टकराव नहीं होना चाहिए। यदि किसी जिलाध्यक्ष से किसी वरिष्ठ नेता का टकराव है तो प्रदेश कार्यकारिणी की जिम्मेदारी होगी कि उसे दूर कराए। प्रदेश कार्यकारिणी की ओर से करीब 15 जिलों को निष्क्रियता की श्रेणी में चुना गया है। इसमें बुंदेलखंड के दो, मध्य क्षेत्र के तीन, पूर्वांचल और पश्चिम के पांच- पांच जिले हैं। इन जिलों में नए जिलाध्यक्ष देने के साथ ही पुराने को समन्वयक की जिम्मेदारी देते हुए संगठन को सक्रिय करने की रणनीति बनाई जाएगी।

सभी को जोड़ने की रणनीति
प्रदेश अध्यक्ष पूर्व मंत्री अजय राय ने बताया कि सभी वरिष्ठ नेताओं, पूर्व पदाधिकारियों को जोड़कर संगठन को सक्रिय करने की रणनीति अपनाई गई है। सभी जिलाध्यक्षों को पूरी तरह से सक्रिय होने का निर्देश दिया गया है। इसके बाद भी जो लोग पार्टी का काम नहीं कर रहे हैं, उनके स्थान पर तेज तर्रार नेताओं को मौका दिया जाएगा।