कैटल कैचर वाहन में तड़पता रहा गोवंश,जिम्मेदार अपने कर्तव्यों से पल्ला झाड़ते दिखे।
कर्नलगंज,गोण्डा। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जहाँ एक तरफ छुट्टा जानवरों,गौवंशो को संरक्षित कराने के आये दिन दावे कर रही है वहीं दूसरी तरफ धरातल पर स्थिति काफी बदतर है और निराश्रित गौवंशो का समुचित संरक्षण, इलाज व सुरक्षा नही हो पा रही है। ऐसी ही एक घटना कर्नलगंज क्षेत्र में सामने आई है जहाँ बेसहारा पशुओं को संरक्षित करने में लगे विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों की संवेदनहीनता के चलते कैटल कैचर वाहन में ही एक घायल गौवंश को लगभग 24 घंटे बंद रहना पड़ा। समाजसेवी,गौ रक्षकों के हस्तक्षेप के बाद जिम्मेदारों ने कैटल कैचर से घायल गौवंश को गौशाला में संरक्षित करवाया। मामला तूल पकड़ने पर अब बीडीओ व पशु चिकित्सक एक दूसरे पर दोषारोपण कर रहे है।
प्रकरण विकासखंड कर्नलगंज के ग्राम रेक्सड़िया से जुड़ा है। यहाँ गुरुवार को दोपहर बाद कैटल कैचर वाहन चालक वाहन लेकर ग्राम रेक्सडिया पहुंचा। जहां ग्रामीणों की मदद से 10 गौवंशो को वाहन में चढ़ाया गया। चालक वाहन लेकर ग्राम दिनारी में संचालित गौशाला ले गया,जहां एक गौवंश वाहन के अंदर चोटिल अवस्था में गिरा पड़ा था। नौ गौवंशो को गौशाला में उतार दिया गया और घायल गौवंश वाहन के अंदर ही पड़ा तड़पता रहा। यही नही चालक वाहन को लेकर नगर पालिका परिषद कर्नलगंज के सामने स्थित पानी टंकी परिसर में पहुंचा और वाहन खड़ा करके चला गया। जबकि घायल अवस्था में गौवंश वाहन के अंदर पड़ा तड़पता रहा। इसकी सूचना पाकर कुछ समाज सेवी पानी टंकी परिसर पहुंचे तो वाहन चालक को बुलाया गया। जिस पर चालक ने वाहन को विकास खंड कर्नलगंज के परिसर में ले जाकर खड़ा कर दिया। वहां मौजूद लोगों के अनुसार एंबुलेंस पहुंची थी और उसके साथ आए पशु चिकित्सा विभाग के लोग कुछ दवा इलाज करके चले गए।मामला तूल पकड़ने पर अब बीडीओ व पशु चिकित्सक एक दूसरे पर दोषारोपण कर रहे है। उपजिलाधिकारी विशाल कुमार ने बताया कि गौवंश का इलाज चल रहा है। मौके पर डाक्टर भी हैं और एंबुलेंस भी है और गौवंश को गौशाला में संरक्षित कराने की कार्यवाही की जा रही है।
संवाददाता मोहनलाल चौहान