यूपी बोर्ड ने इंटर प्रयोगात्मक परीक्षा में फर्जी परीक्षकों की नियुक्ति रोकने को कमर कसी है। जिले के माध्यमिक शिक्षकों की योग्यता और शिक्षण विषयों की स्क्रीनिंग शुरू हुई। डीआईओएस ने विद्यालयों को चेकिंग प्वाइंट भेजे हैं। छात्रों की प्राप्तांक मेरिट के लिए प्रयोगात्मक परीक्षा अहम होती है। इंटर विज्ञान विषय में प्रयोगात्मक परीक्षा 30 अंक की होती है। कुछ विषयों में प्रयोगात्मक परीक्षा 50 अंक की होती है। विषय नहीं पढ़ाने वाले शिक्षकों के प्रयोगात्मक परीक्षक नियुक्त होने के आरोप लगते रहते हैं। प्रयोगात्मक परीक्षा में नंबर आवंटन में पक्षपात करने के भी शिकायत शासन तक पहुंचती हैं। इस पर बोर्ड ने शिक्षकों की योग्यता और पढ़ाए जाने वाले विषयों की स्क्रीनिंग कराने का फैसला लिया है। इंटर प्रयोगात्मक परीक्षा दो चरण में प्रस्तावित है। जिले में पहला चरण 25 जनवरी से एक फरवरी तक होगा। प्रयोगात्मक परीक्षक नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हुई है। शिक्षकों की योग्यता, पढ़ाए जाने वाले विषय, शिक्षण अनुभव आदि विवरण बोर्ड की वेबसाइट पर अंकित हैं। डीआईओएस मनोज कुमार मिश्र ने बताया कि परीक्षा को सकुशल कराने के लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है। किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं होने दी जाएगी।