अलीगढ़।उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हैरतअंगेज मामला सामने आया है।यहां दबंग से परेशान होकर एक पिता अपने बेटे को बेचने के लिए विवश हो गया है।महुआ खेड़ा थाना क्षेत्र का एक ई रिक्शा चालक परिवार सूदखोरों से तंग आकर अपने बेटे को बेचने की गुहार लगा रहा है।परिवार सहित गले में तख्ती लटका कर बैठा है।तख्ती पर लिखा है कि मुझे बेटा बेचना है।
अलीगढ़ शहर के गांधी पार्क थाना क्षेत्र के गांधी पार्क चौराहे पर सड़क किनारे एक परिवार बैठा है।परिवार को देखकर लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई।लोगों ने उस पीड़ित परिवार से पूछा कि यहां ऐसे क्यों बैठे तो उसने अपना दर्द बयां किया। परिवार द्वारा कहा गया कि वह कर्ज की वजह से परेशान है और दबंगों ने उसे मार-मार कर घर से बाहर निकाल दिया है। वह ई रिक्शा चला कर अपने परिवार का भरण पोषण करता है।स्थानीय पुलिस ने कोई सुनवाई नहीं की है।अब वह कर्ज चुकाने के लिए उसके पास बेटे के बचने के सिवाय और कोई रास्ता नहीं बचा है।
बेटा बेचने पर विवश हुआ पिता
पीड़ित पिता राजकुमार का कहना है कि वह अलीगढ़ के महुआ खेड़ा थाना इलाके के असादपुर कायम स्थित निहार मीरा स्कूल के पास का रहने वाला है।कुछ समय पहले उसने कुछ प्रॉपर्टी खरीदने के लिए देवी नगला निवासी कुछ लोगों से पैसा उधार लिया था और कहा था कि थोड़े-थोड़े करके पैसे चुका दूंगा,लेकिन दबंग सूट खरे ने नहीं माना और मेरा ई रिक्शा भी मुझसे छीन लिया।अब वह कर्ज की वजह से परेशान हो गया है और दबंगों ने उसे मार-मार कर घर से बाहर निकाल दिया है।वह किराए पर ई रिक्शा चलाता है और उससे ही मजदूरी कर अपने बच्चों का पेट पालता था,जिसकी शिकायत उसने स्थानीय पुलिस से की,लेकिन पुलिस ने भी कोई सुनवाई नहीं की तो अब इस वजह से मुझे मजबूर होकर बेटे चेतन को बेचना पड़ रहा है।मेरे बेटे की 11 साल की उम्र है और इस समय मैं गांधी पार्क बस स्टैंड के पास कंपनी बाग चौराहे पर बैठा हूं।
बेटे को बेचकर मैं अपना परिवार भी पाल लूंगा
पीड़ित राजकुमार का कहना है कि अब वह इतना परेशान हो चुका है कि वह अपने बेटे को बेचने के लिए मजबूर है।अगर उसका बेटा 6 से 8 लाख रुपए में कोई खरीद लेगा तो कम से कम मैं अपना कर्ज चुका सकूंगा।अपनी बेटी को पढ़ा लिखा सकूंगा और उसकी शादी कर सकूंगा।साथ ही अपने परिवार का भरण पोषण कर सकूंगा।