आजमगढ़ 108 एंबुलेंस में गूंजी किलकारी, जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ

– आशा कार्यकर्ता और इएमटी ने कराया सुरक्षित प्रसव
– इएमटी राजू गौतम सम्मानित, आशा कार्यकर्ता ललिता को भी मिली सराहना

आजमगढ़ । जनपद में स्वास्थ्य सेवाएं हर दिन नए लक्ष्य प्राप्त कर रही हैं। इसी क्रम में एक मामला एंबुलेंस का आया है। परिवारीजन की ओर से देर से सूचना के बावजूद 108 एंबुलेंस समय से पहुंची। एंबुलेंस चली ही थी कि महिला को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। मेडिकल टेक्नीशियन बिना समय गवाएं आशा की मदद से एंबुलेंस में ही सुरक्षित प्रसव कराया। फिलहाल जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।

गांव बाबू की खजूरी निवासिनी सुनैना ने बताया की डिलीवरी का समय पूरा हो गया था। प्रसव पीढ़ा होने पर 108 एंबुलेंस को घर वालों ने सुबह छ: बजे फोन किया गया। 20 मिनट में एंबुलेंस घर आ गई और अस्पताल के रास्ते में हमें तेज प्रसव पीढ़ा होने लगी। मेरी असहनीय पीढ़ा को देख एंबुलेंस में मौजूद आशा दीदी और मेरी भाभी के सहयोग से एंबुलेंस के इएमटी ने एंबुलेंस में ही प्रसव कराया। मुझे बेटी का जन्म हुआ, जो आज बिल्कुल स्वस्थ है।
आशा कार्यकर्ता ललिता ने बताया की गर्भ ठहरने के बाद से ही मैं सुनैना के संपर्क में थी। गर्भवती को अस्पताल ले जाने, दवा, प्रसव से पहले जांच, प्रसव और इसके बाद बच्चे के सभी टीकों तक की जिम्मेदारी हम आशा कार्यकर्ता का होता है। सुनैना को प्रसव पीड़ा हुई तो उसके घर से हमें फोन आया, मैं उन्हें 108 पर फोन कर एंबुलेंस बुलाने को बोली और मैं उनके घर पहुंच गई। गांव से निकलते ही सुनैना को प्रसव का दर्द बढ़ने लगा। स्थिति को बिगड़ता देखा इएमटी ने रास्ते में ही एंबुलेंस में हमारी मदद से सुरक्षित प्रसव कराया और आज जच्चा- बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। विभाग ने तथा नागरिकों ने ललिता के कार्य की सराहना की।

इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन (इएमटी) राजू गौतम ने कहा की प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना के तहत सुबह 6 बजे पल्हना 108 पर एंबुलेंस संख्या यूपी 32 बिजी 8688 पर लखनऊ कॉल सेंटर से एक कॉल आया। और मैं तुरंत 108 मरीज को लेने उसके घर बाबू की खजुरी पहुंच गया। गर्भवती सुनैना को लेकर के तरवां पीएचसी के लिए तुरंत निकल पड़ा। लेकिन रास्ते में ही सुनैना को प्रसव पीड़ा तेज होने के कारण जच्चा–बच्चा की सुरक्षा के लिए, प्रसव एंबुलेंस में ही आशा की मदद से कराया गया। जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ और सुरक्षित हैं। प्रसव कराने के बाद जच्चा और बच्चा दोनों को पीएससी तरवां में सुरक्षित भर्ती कराया। सुनैना के परिजन बहुत ही खुश हुए, हमें और 108 को धन्यवाद दिये।

एंबुलेंस 102 और 108 के जिला प्रभारी अजय राय ने बताया की जिले में 102 एंबुलेंस संख्या 52 और 108 एंबुलेंस की संख्या 51 है। 102 से छ: माह से अब तक 49353 मरीजों को और 108 के एंबुलेंस से 23058 सेवा दी गई हैं । इएमटी को 45 दिनों तक प्रशिक्षित करने के बाद ही एंबुलेंस में तैनात किया जाता है। इएमटी को हैदराबाद के जीवीके इएमआरआई (इमरजेंसी मैनेजमेंट रिसर्च इस्टीटयूट) ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षण दिया जाता है। इसमें इंजेक्शन लगाना, फर्स्ट एड देना, प्रसव, हार्टअटैक के बाद क्या करना है,आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाती है। प्रशिक्षण पूरा करने के बाद ही उन्हें एंबुलेंस पर तैनात किया जाता है। अपनी सूझबूझ से मेडिकल टेक्नीशियन राजू गौतम बहुत ही साहसी और उत्कृष्ट कार्य किया। इस उत्कृष्ट कार्य के लिए इएमटी राजू गौतम को जिला प्रभारी दवारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया गया।