शारदीय नवरात्रि की नवमी के पावन अवसर पर माता के भक्तों ने मंदिर में पूजा-अर्चना और हवन करने के साथ घरों पर देवी रूप में कन्या को जिमाया। नन्हीं कन्याओं के मस्तक पर रोली का तिलक व पुष्प वर्षा कर उनका आरती पूजन किया गया। उसके उपरांत उनको प्रसाद स्वरूप हलवा, पूड़ी, जलेबी, दही, मिष्ठान आदि द्वारा श्रद्धा पूर्वक भोजन कराया गया तथा दक्षिणा, फल, उपहार आदि भेंट किए गए, बताते चलें कि नवरात्र के 9 दिनों देवी दुर्गा मां के नौ पावन स्वरूपों की साधना अत्यंत शुभकारी व फलदाई मानी जाती है। अष्टमी व नवमी के दिन देवी स्वरूप कन्याओं के विशेष पूजन व कन्या भोज का विशेष महत्व होता है। प्राचीन मान्यता हैं कि नवरात्रि में कन्याओं में देवी दुर्गा के विभिन्न रूपों का वास होता है। सच्चे मन से कन्या पूजन व कन्या भोज कराने से सभी मनोंकामना पूरी होती हैं।
माता के मंदिरों में रही भीड़
शारदीय नवरात्र के उपलक्ष्य में देवी माता के मंदिरों में माता के भक्तों की काफी भीड़ देखी गई। शहर के प्राचीन कालीबाड़ी स्थित काली मंदिर में सुबह से ही भक्तों का आना-जाना लगा रहा। नेकपुर स्थित प्राचीन ललिता देवी मंदिर में भी भीड़ के कारण पैर रखने तक कि जगह नहीं थीं।
मंदिर के बाहर लगा मेला जिसमे बच्चें जमकर लुफ्त उठा रहे थे। दुकानों से पूजा का समान व बच्चों के खिलौनों की जमकर खरीदारी की जा रही थी। साहूकारा स्थित नवदुर्गा मंदिर में माता के दर्शन पाने के लिए लंबी कतार में लोग खड़े हुए थे। सुबह से ही वहां नजारा देखते बन रहा था।