#सहरिया जाति को झांसी में भी मिल सकता है एसटी का दर्जा, सर्वे में लोगों में मिले रोटी-बेटी के रिश्ते#
सहरिया जाति के लोगों के लिए अच्छी खबर है। ललितपुर की तरह झांसी जिले में भी उन्हें अनुसूचित जनजाति का दर्जा मिल सकता है। इसके लिए शीघ्र ही प्रदेश सरकार भारत के महारजिस्ट्रार एवं जनगणना आयुक्त कार्यालय और केंद्रीय जनजाति मंत्रालय को स्पष्ट संस्तुति के साथ रिपोर्ट भेजेगी सहरिया जनजाति के लोग बुंदेलखंड के ललितपुर और झांसी जिलों में ठीक ठाक संख्या में हैं। लेकिन, इन्हें ललितपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा है, जबकि सटे हुए जिले झांसी में उन्हें अनुसूचित जाति (एससी) माना जाता है। ललितपुर में इनकी संख्या करीब एक लाख है। वहीं, झांसी में भी करीब इतनी ही संख्या बताई जा रही है। लंबे समय से सहरिया जाति के लोग झांसी में भी एसटी के दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे हैं। प्रदेश सरकार ने अनुसूचित जनजाति शोध केंद्र के जरिये वहां का सर्वे कराया। इसमें सामने आया है कि ललितपुर और झांसी के सहरिया जाति के लोगों में वर्षों से रोटी-बेटी के संबंध चले आ रहे हैं। दोनों की संस्कृति, रीति-रिवाज और पंरपराओं में समानता है। यही आधार किसी जाति को एसटी का दर्जा दिए जाने के लिए पर्याप्त माना जाता है।