एंग्लो बंगाली इंटर कालेज में मां के सामने कथित तौर पर नाम काटने की धमकी और डांटने से दुखी 12वीं के छात्र यथार्थ गुप्ता उर्फ ओम ने घर लौटकर आत्महत्या कर ली। इसी बीच वहां से गुजर रहे स्कूल के प्रधानाचार्य दुख जताने आए तो उन हमला कर दिया गया। बचाने की कोशिश में पुलिसवालों से धक्कामुक्की हुई। पुलिस किसी तरह उन्हें खुल्दाबाद थाने ले गई। प्रधानाचार्य और कक्षाध्यापक के खिलाफ लिखित शिकायत लेकर शाम को पुलिस शव उठा सकी
यह है पूरा मामला
खुल्दाबाद में गाड़ीवान टोला निवासी त्रिलोकी केसरवानी के दो बेटों में 19 वर्षीय ओम बड़ा था। एक बेटी भी है। शुक्रवार को ओम मां सरिता के साथ स्कूल में बारहवीं कक्षा की फीस भरने गया था। आरोप है कि वहां कक्षा अध्यापिका और प्रधानाचार्य ने ओम और उसकी मां के साथ बदसलूकी कर दी। ओम से कहा गया कि उसका नाम काट दिया गया है। यह सुनकर मां को स्कूल में छोड़कर ओम घर के लिए निकल गया। उसकी बहन कोचिंग गई थी। छोटे भाई सिद्धार्थ को समोसा लाने के लिए भेजकर वह कमरे में चला गया। कुछ देर बाद सिद्धार्थ लौटा तो कमरे का दरवाजा खुला था। अंदर भाई ओम को गमछे के फंदे से लटका देख उसने बाहर जाकर पड़ोसी दुकानदार को बताया तो उसके पिता व मां को फोन पर खबर दी गई।
पुलिस के हस्तक्षेप से बची प्रधानाचार्य की जान
जिसके बाद आसपास के लोग और घरवाले मौके पर भागकर पहुंचे। सभी इस बात से आक्रोशित थे कि स्कूल में डांटने पर बच्चे ने अपनी जान दे दी। खबर पाकर पहुंची खुल्दाबाद थाने की पुलिस ने शव को उतारकर ले जाने की कोशिश की तो भीड़ ने विरोध कर दिया। इसी बीच एबीआइसी के प्रधानाचार्य स्वास्तिक बोस को अपने घर जाते समय इस बारे में पता चला तो वह बेटी के साथ दुख जताने पहुंच गए। बेटी के सामने भीड़ ने उन पर हमला कर दिया। भीड़ से पिट रहे प्रधानाचार्य को बचाने में पुलिस के पसीने छूट गए। बड़ी मुश्किल से उन्हें बचाकर थाने तक पैदल ले जाया गया। बेटी को भी पुलिस किसी तरह थाने ले गई। भीड़ प्रधानाचार्य के पीछे लगी रही। इसके बाद पिता त्रिलोकी से कक्षा अध्यापिका और प्रधानाचार्य के खिलाफ तहरीर लेकर पुलिस ने गिरफ्तारी का भरोसा देकर मनाया, तब जाकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा सका।प्रधानाचार्य ने दी ये सफाई
घटनाक्रम पर प्रधानाचार्य स्वास्तिक बोस ने बताया कि छात्र यथार्थ उर्फ ओम ने बारहवीं यूपी बोर्ड परीक्षा के लिए अंतिम तिथि तक पंजीकरण नहीं कराया। शुक्रवार को वह मां के साथ स्कूल आया। उसे बताया गया कि समय पर पंजीकरण नहीं कराने से अब उसे बोर्ड से तिथि बढ़ने का इंतजार करना पड़ेगा। वह कई महीने से स्कूल भी नहीं आया था इसलिए शिक्षिका ने उसे चेतावनी दी। कक्षा 11 में भी वह लगातार अनुपस्थित रहा। घरवालों के आग्रह पर उसे किसी तरह पास किया गया था। फटकारने या बदसलूकी करने जैसी कोई बात नहीं। बच्चा अचानक कैसे इतना तैश में आ गया, यह समझ में नहीं आ रहा। बाकी पुलिस जांच करेगी।