#मथुरा, वृंदावन में जन्माष्टमी आज, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और उपाय#

देशभर में आज भी कृष्ण जन्माष्टमी की धूम है। ग्रंथों के अनुसार योगेश्वर श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र, मध्य रात्रि, वृषभ लग्न और बुधवार के दिन हुआ था। इस बार जन्माष्टमी 6 और 7 सितंबर दो दिन मनाई जा रही है। कान्हा का बचपन माखन-मिश्री खाते हुए गुजरा। आज भी लोग लड्डू गोपाल का यही भोग लगाते हैं। ये इस बात का संकेत है कि हमारा आहार अच्छा, शुद्ध और बल देने वाला होना चाहिए। शरीर को निरोगी रखना है तो बचपन से ध्यान देने की जरूरत है। आज जन्माष्टमी का पावन पर्व है और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान कृष्ण का जन्म मथुरा के कारागृह में हुआ था। पैदा होते ही रात में यमुना पार कर गोकुल ले जाया गया। तीसरे दिन राक्षसी पूतना मारने आ गई। यहां से शुरू हुआ संघर्ष देह त्यागने से पहले द्वारिका डुबोने तक रहा। कृष्ण का जीवन कहता है, आप कोई भी हों, संसार में आए हैं तो संघर्ष हमेशा रहेगा। मानव जीवन में आकर ईश्वर भी सांसारिक चुनौतियों से बच नहीं सकता। कृष्ण कहते हैं परिस्थितियों से भागो मत, उसके सामने डटकर खड़े हो जाओ। क्योंकि, कर्म करना ही मानव जीवन का पहला कर्तव्य है, हम कर्मों से ही परेशानियों को जीत सकते हैं। कृष्ण ने कभी किसी बात की शिकायत नहीं की,उन्होंने हर परिस्थिति का सामना किया और विजयी रहे। आज, गुरुवार 7 सितंबर को जन्माष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है। वैदिक पंचांग के अनुसार आज सूर्योदय के समय जन्म नक्षत्र और अष्टमी तिथि दोनों ही होने के कारण और उदया तिथि का ध्यान में रखते हुए मथुरा, वृंदावन, द्वारका और इस्कॉन मंदिर में जन्माष्टमी मनाई जा रही है। वैजयंती, गेंदा, गुलाब, कमल, मालती, केवड़ा, कनेर और और मौलश्री जैसे फूल अर्पित करें वही पत्र की बात करें तो तुलसी, बेलपत्र, शमी, कुशा, दूर्वा, भृंगराज, अपामार्ग और मोरपंख जरूर चढ़ाएं। देश के सभी कृष्ण मंदिरों में कृष्ण जन्माष्टमी की धूम दिखाई दिखाई दे रही है। वृंदावन, मथुरा और इस्कॉन के मंदिरों को विशेष रूप से सजाया गया है। जन्माष्टमी के मौके पर नोएडा के इस्कॉन मंदिर में आज तड़के मंगला आरती की गई। सुबह से भक्तों की भारी भीड़ मंदिर में एकत्रित हो रही है। जन्माष्टमी का त्योहार दो दिन मनाया जाता है। पहले दिन गृहस्थ जबकि दूसरे दिन वैष्णव संप्रदाय के लोग कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाते हैं। कृष्ण जन्मोत्सव पर मथुरा, वृंदावन समेत कई कृष्ण मंदिरों में धूमधाम और उत्साह के साथ जन्मोत्सव मनाया जाता है। आज की बात करें तो रात 12 बजकर 02 मिनट से लेकर 12 बजकर 48 मिनट तक का अच्छा मुहूर्त बन रहा है। संपूर्ण जीवन के प्रतीक श्री कृष्ण की उपासना से सुख, शांति, आरोग्य एवं लाभ की प्राप्ति होती है एवं इनका वास्तुदोष निवारण में भी बड़ा महत्व है। घर, कार्यस्थल में श्री कृष्णजी की तस्वीर को लगाने पर भगवान प्रसन्न होकर वहां की नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर अपने भक्तों की परेशानियों को दूर कर देते हैं आज भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव कृष्ण जन्माष्टमी बहुत ही धूम-धाम के साथ मनाई जा रही है। भाद्रपद माह के अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र के संयोग में भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण के लड्डू गोपाल के स्वरूप की पूजा की जाती है। जन्माष्टमी पर बाल गोपाल की पूजा की तैयारियां कई दिनों पहले से होने लगती है। आइए जानते हैं बाल गोपाल की पूजा में किन-किन चीजों का होना जरूरी होता है। बाल गोपाल की मूर्ति, झूला, बांसुरी, एक नया आभूषण, मुकुट, तुलसी के पत्ते, हल्दी, पान, सुपारी, गंगाजल, सिंहासन, चंदन, अक्षत, मक्खन, केसर, छोटी इलायची, कलश, इत्र, सिक्के, सफेद कपड़ा, लाल कपड़ा, कुमकुम, नारियल, मौली, लॉन्ग, इत्र, दिया, धूप बत्ती, फल, कपूर और मोरपंख । निशीथ पूजा मुहूर्त : 23:56 से 24:42 मिनट तक अवधि : 45 मिनट जन्माष्टमी पारणा मुहूर्त ( 08 सितंबर 2023) : सुबह 06 बजे के बाद