कानपुर में जमीन की पैमाइश के लिए नर्वल तहसील में शुक्रवार को रिश्वत लेते कानूनगो व लेखपाल को रंगेहाथों गिरफ्तार किया गया है। आवेदकों की शिकायत पर कानपुर की एंटी करप्शन यूनिट की दो टीमों ने तहसील परिसर में अलग-अलग जाल बिछाकर दोनों को पकड़ा है। कानूनगो और लेखपाल की गिरफ्तारी की सूचना पर तहसील परिसर में लेखपालों की भीड़ जुटने लगी। इस पर टीमें दोनों को साथ लेकर निकल गईं। टीम ने दोनों के खिलाफ अलग-अलग थानों में एफआईआर दर्ज कराई है। शनिवार को उन्हें लखनऊ कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया जाएगा। साढ़ थाना क्षेत्र के कुढ़नी निवासी अमन ने एंटी करप्शन यूनिट में शिकायत की कि कुढ़नी क्षेत्र में उनकी जमीन है। उन्होंने जमीन की पैमाइश कराने के लिए कुढ़नी क्षेत्र के कल्याणपुर निवासी कानूनगो विष्णु स्वरूप श्रीवास्तव से संपर्क किया। पहले तो कानूनगो उसे टालते रहे। बाद में 10 हजार रुपये की रिश्वत मांगी। इससे परेशान अमन ने एंटी करप्शन में शिकायत की। अधिकारियों ने पहले जांच की। इसके बाद जाल बिछाया। शुक्रवार को अमन को रुपयों में केमिकल लगाकर कानूनगो के कार्यालय भेजा गया। कानूनगो के रुपये लेते ही एंटी करप्शन इंस्पेक्टर चंद्रभान सिंह के नेतृत्व में टीम ने उन्हें रंगेहाथ गिरफ्तार किया नर्वल तहसील के ही चिरला गांव निवासी शिकायतकर्ता शब्बीर अहमद को भी अपनी जमीन की पैमाइश करानी थी। उन्होंने क्षेत्र के लेखपाल रामवचन मौर्य से मुलाकात की। आरोप है कि लेखपाल ने उनसे 10 हजार रुपये रिश्वत मांगी। इस पर शब्बीर अहमद ने एंटी करप्शन में शिकायत की। शुक्रवार को एंटी करप्शन इंस्पेक्टर मृत्युंजय के नेतृत्व में दूसरी टीम ने छापा मारकर लेखपाल को शिकायतकर्ता से रुपये लेते गिरफ्तार किया। लेखपालों की भीड़ जुटने की सूचना पर एंटी करप्शन की दोनों टीमें अलग-अलग रास्तों पर रवाना हुईं। कानूनगो विष्णु स्वरूप को टीम लेकर चकेरी थाने पहुंची। दूसरी टीम लेखपाल रामवचन को लेकर महाराजपुर थाने पहुंची और एफआईआर दर्ज कराई। भ्रष्टाचार निवारण संगठन की टीम ने कानूनगो व लेखपाल की चल-अचल संपत्ति की जानकारी जुटाई है। लेखपाल और कानूनगो से उनके मकान, प्लाट , और गांव में खेती-बाड़ी के साथ ही बैंक खातों आदि की सभी जानकारी ली गई है आरोपी लेखपाल रामवचन का बड़ा भाई एसडीएम है। एंटी करप्शन की टीम लेखपाल से महराजपुर थाने में पूछताछ कर रही थी तभी उसके बड़े भाई थाने पहुंच गए। उन्हें देखकर लेखपाल फफक पड़ा। लेखपाल की हालत देखकर उसके भाई की आंखों में भी आंसू छलक आए