आई फ्लू का हल्के में न लें। आंखों को सुर्ख लाल करने वाले वायरस, गले व पेट को भी संक्रमित कर रहे हैं। जिन्हें आईफ्लू हो जा रहा है, उनमें से ज्यादातर लोगों को गले में खराश, तेज बुखार, पेट दर्द भी हो रहा है। यह वायरस गर्मी और नमी एक साथ होने पर तेजी से सक्रिय हो जाता है। हालांकि, राहत की बात यह है कि यह वायरस तीन से पांच दिन में स्वत: ही समाप्त हो जा रहा है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के 70 सैंपल में जो वायरस मिले हैं, वह एंटेरो वायरस समूह के हैं। इसकी स्पष्ट पहचान के लिए अब जिला अस्पताल से भी मरीजों का सैंपल लिया गया है।
करीब एक महीने से गोरखपुर समेत आसपास के जिलों में बच्चों की आंखें सुर्ख लाल हो रही हैं। अब यह रोग बच्चों के बाद बड़ों में भी होने लगा है। इसके अलावा तमाम लोग गले में खराश, तेज बुखार, पेट दर्द आदि की समस्याओं से परेशान हैं। ओपीडी में अचानक मरीजों की संख्या मेंं वृद्धि हो गई है। जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. राजेंद्र ठाकुर बताते हैं कि हर दिन ढाई से तीन हजार मरीज आ रहे हैं, जबकि पहले यह संख्या डेढ़ हजार के आसपास थी।
रिजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर (आरएमआरसी) के वैज्ञानिक डॉ. गौरव मंगलवार को अपनी टीम के साथ जिला अस्पताल पहुंचे थे। डॉ. गौरव ने आंख लाल होने की दवा के लिए पहुंचे मरीजों का सैंपल एकत्रित किया। वहीं, सीएमओ डॉ. आशुतोष दूबे ने बताया कि इस वक्त आंख लाल होने, पेट दर्द, गले में खराश आदि के मामले वायरस के चलते आ रहे हैं। आरएमआरसी की टीम इस पर शोध कर रही है। टीम ने जिला अस्पताल से भी सैंपल एकत्रित किया है। जल्दी ही इसकी रिपोर्ट मिल जाएगी।
क्या है एंटेरो वायरस
एंटेरो, वायरस का एक जीववैज्ञानिक वंश है। इसकी कई सदस्य जातियां मानवों व अन्य स्तनधारियों में रोगजनक हैं। इनके द्वारा फैलाए गए रोगों में साधारण ज़ुकाम, हाथ-पैर और मुंह की बीमारी और पोलियो शामिल हैं। इनमें से कई रोग जठरांत्र क्षेत्र के मार्ग से प्राणी से प्राणी तक फैलते हैं।उमस भरी गर्मी वायरस को दे रही ताकत
आरएमआरसी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अशोक पांडेय बताते हैं कि गर्मी और नमी एक साथ मौजूद होने पर कोई भी वायरस बहुत तेजी से फैलता है। वायरस संक्रमण के लिए पूर्वांचल की स्थिति काफी अनुकूल रहती है। इस बार उमस भरी गर्मी व कम बारिश के चलते वायरल संक्रमण तेजी पर है। एंटेरो वायरस में पोलियो समेत कई गंभीर बीमारियों के कारक वायरस मौजूद होते हैं। इनमें से सबका असर अलग-अलग होता है।
अब तक के अध्ययन में यह बात सामने आई है कि जो वायरस आंखों पर असर डाल रहा है, उसकी उम्र तीन से पांच दिन की है। इस वायरस के प्रजाति की पहचान के लिए प्रयोग चल रहा है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में लिए गए सैंपल के बाद इस पर अन्य शोध कार्य चल रहे हैं।घबराने की बजाय सावधानी जरूरी: डॉ राजेश
जिला अस्पताल के फिजिशियन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि ओपीडी में हर तीसरी मरीज वायरल संक्रमण की चपेट में है। किसी को पेट में दर्द है तो कोई गले में खराश से परेशान है। यह सब मौसम की वजह से हो रहा है। इस वक्त अगर खुद को स्वस्थ रखना है तो घबराने की नहीं बल्कि सतर्कता बरतने की जरूरत है।
ये जरूरी सलाह अपनाएं
गले में खराश होने पर दिन में 3-4 बार गुनगुने पानी से गरारा करें।
बुखार-खांसी सामान्य लक्षण हैं, घबराने की बजाय दवा लेकर आराम करें।
बारिश में न भीगें, अगर भीग गए हैं तो जल्दी सूखे कपड़े पहनें।
श्वास के रोगी अपना विशेष ख्याल रखें। दिक्कत होने पर डॉक्टर से जरूर मिलें।
बाजार से लाई गईं सब्जियों व फल को अच्छी प्रकार धोने के बाद ही खाएं
बाजार के खाद्य पदार्थों से परहेज करें, क्योंकि इससे फूड प्वाइजनिंग का खतरा है।
वायरस रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम करता है, इसलिए ताजा पौष्टिक भोजन व हल्का व्यायाम जरूर करें।आंखें लाल होने पर ये उपाय क्या करें
यह वायरल डिजिज है, इसलिए संक्रमित व्यक्ति के तौलिया, बिस्तर, कपड़ों को अलग रखें।
कोविड गाइडलाइन के अनुसार ही हाथ धोते रहें, आंखों को न छुएं।
ठंडा या गर्म पानी से आंखों की सिंकाई करने की बजाय केवल पानी से साफ करें।
आंखों में लालिमा आने पर बिना डॉक्टर से दिखाए कोई भी आई ड्राॅप न डालें, यह नुकसानदायक हो सकता है।