अब गांवों और शहरों में सर्वे कर कनेक्शन से वंचित लोगों को पॉलिटेक्निक और आईटीआई के छात्र कनेक्शन दिलाएंगे। प्रति कनेक्शनों पर छात्रों को विभाग की ओर से 100 रूपए दिए जाएगें। इससे विभाग में जहां नए कनेक्शन जुड़ेंगे। वहीं, काफी हद तक बिजली चोरी और लाइनलॉस पर लगाम भी लगेगी। जिले में विद्युत वितरण के लिए छह खंड बनाए गए हैं, इन खंडों में 23 उपखंड भी हैं जहां पर एसडीओ स्तर के अधिकारी बैठते हैं। अधिकतम छोटे कनेक्शन इसी जगह से दिए जाते हैं। वैसे तो पूरे जनपद में लगभग 6.25 लाख घरेलू, नलकूप व कामर्शियल उपभोक्ताा हैं। लेकिन अभी भी बहुत से ऐसे लोग है, जो बिना कनेक्शन लिए ही बिजली का प्रयोग करते चले आ रहे हैं। यह मामले विभागीय चेकिंग में सामने आ रहे हैं। इन लोगों पर मुकदमा भी दर्ज हो रहा है। विद्युत चोरी पर रोक व लाइनलॉस को कम करने के लिए प्रबंधन के निर्देश पर विभाग अब आईटीआई व पॉलिटेक्निक के इच्छुक छात्रों का सहारा लेगा। इसके लिए डीएम के साथ आईटीआई, पॉलिटेक्निक के प्रधानाचार्य व विभागीय अधिकारियों की बैठक भी हो चुकी है। छात्र चयनित क्षेत्रों में घर-घर जाकर कनेक्शनों की जांच करेंगे। जिन घरों में कनेक्शन नहीं होगा। विभाग द्वारा दिए गए फार्म पर छात्र पूरा विवरण भरकर वहां कनेक्शन दिलाने का काम करेंगे। छात्रों को प्रति कनेक्शन पर 100 रूपए देगा। नोडल/अधिशासी अभियंता प्रथम अरविंद सिंह ने बताया कि आईटीआई व पॉलिटेक्निक के छात्रों द्वारा कनेक्शनों का सर्वे कराने के लिए डीएम की अध्यक्षता में बैठक हो चुकी है। इच्छुक छात्र अपने चयनित क्षेत्रों में काम कर सकते हैं। प्रति कनेक्शन पर उन्हें 100 रूपए दिए जाएंगे।