मुंबई, सूरत और अहमदाबाद की ओर जाने वाली ट्रेनों में स्लीपर, थर्ड एसी कोच में यात्री ठसाठस भरकर यात्रा करने को विवश हैं । आलम यह है कि जनरल कोच की तरह ही स्लीपर और एसी कोच में भी यही स्थिति है
मुंबई की ओर जाने वाली महानगरी, कमायनी, एलटीटी-गोरखपुर, गोरखपुर-अहमदाबाद एक्सप्रेस, दरभंगा-एलटीटी समेत अन्य ट्रेनें भी कैंट स्टेशन से होकर गुजरती हैं। मगर, पांच जुलाई तक इन ट्रेनों के किसी भी श्रेणी में सीट उपलब्ध नहीं है। वहीं, जनरल कोच में स्थिति और भी गंभीर है। टीटीई पैसे लेकर बना रहे हैं टिकट, लेकिन सीट उपलब्ध नहीं है।
जिन यात्रियों को मजबूरी में यात्रा करनी पढ़ रही है, उनसे स्टेशन पर तैनात टीटीई पैसा भी वसूल रहे हैं। जनरल कोच में भीड़ को देखते हुए बहुत से यात्री स्लीपर कोच में सिर्फ प्रवेश करने का टिकट बनवा रहे हैं। ट्रेन में टीटीई 1000-1500 रुपये लेकर स्लीपर और थर्ड एसी का वेटिंग टिकट दे रहे हैं। यात्री उसी कोच में फर्श पर बैठकर यात्रा करने को मजबूर हैं । ट्रेन के अंदर जिन यात्रियों के पास छह से सात सीट हैं, वह भी पांच सौ से हजार रुपये तक लेकर दूसरे यात्रियों को टिकट बेच दे रहे हैं।
टिकट गिरोह हावी
मुंबई जाने वाली ट्रेनों में आम आदमी को भले ही सीट नहीं मिल रही है, लेकिन टिकट गिरोह 24 से 48 घंटे के अंदर कंफर्म सीट देने की व्यवस्था करवा दे रहे हैं। इसके एवज में प्रति यात्री से टिकट गिरोह आठ सौ से पंद्रह सौ तक रुपये वसूल कर रहे हैं। तत्काल में यह टिकट गिरोह को आसानी से मिल जा रही है। चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है, दूसरे के टिकट पर यात्रा करने वालें यात्रीयों पर कार्रवाई की जाएगी । -गौरव दीक्षित, स्टेशन डायरेक्टर, कैंट।