खेतिहर मजदूरों को काम न मिलने से बढ़ रही बेरोजगारों की संख्या

उप्र खेत मजदूर यूनियन द्वारा राज्यव्यापी आह्वान पर मंगलवार को जिला कमेटी ने मनरेगा में जाति एवं लिंग के आधार पर किए जा रहे आरक्षण आदि मांगों को लेकर जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया।इसके बाद कौंसिल के पदाधिकारियों ने मार्च निकालकर राष्ट्रपति को संबोधित 17 सूत्रीय मांग पत्रक डीएम को सौंपा।
जिलामंत्री दुर्बली राम ने कहा कि केंद्र और राज्य में जबसे भाजपा की सरकार बनी है तब से महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है। खेतिहर मजदूरों को काम न मिलने के कारण बेरोजगारों की संख्या बढ़ती जा रही है। उन्होंने मांग की कि मनरेगा में जाति एवं लिंग के आधार पर बजट आवंटन की प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाई जाए और मनरेगा मजदूरों को जाति व लिंग के आधार पर बांटने की साजिश को रोकने की गारंटी सुनिश्चित की जाए।

खेत मजदूरों के लिए एक सर्वसमावेशी केंद्रीय कानून बनाया जाए व मनरेगा मजदूरों की मजदूरी 200 से बढ़ाकर 600 रुपये किया जाए और एक वर्ष में 200 दिन का रोजगार दिया जाए। उप्र किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष इम्तेयाज बेग ने कहा कि केंद्र सरकार तीन कृषि कानून ला करके किसानों को सबसे ज्यादा क्षति पहुंचा रही है। उन्होंने कहा केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को अगर वापस नहीं लेती है तो किसान व खेत मजदूर मिलकर बड़े पैमाने पर आंदोलन चलाएंगे जिसकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी। इस मौके पर कामरेड मखड़ू राजभर, दयाराम, प्रहलाद गोंड, सुरेंद्र यादव, गुलाब चंद्र मौर्य, उमेश, जीयालाल आदि उपस्थित थे।