आजमगढ़। जहानागंज के कोल्हूखोर पुलिया के पास फेंकी मिली सरकारी दवाओं की जांच शुरू हो गई है। सीएमओ के निर्देश पर गठित तीन सदस्यीय टीम ने बुधवार को सीएचसी पर पहुंच कर फेंकी मिली दवाओं के बैच नंबर आदि का मिलान करने के बाद स्टॉक के सत्यापन के लिए रेंडम जांच के लिए पांच टीम गठित की है, जो स्कूलों पर पहुंच कर दवा के स्टॉक, कब-कब खिलाई गई आदि की जानकारी कर बृहस्पतिवार की शाम तक अपनी रिपोर्ट देंगे।कोल्हूखोर पुलिया के पास आयरन, अलबेंडाजोल जैसी सरकारी दवाओं के साथ ही कुछ प्राइवेट दवाएं भी फेंकी मिली थीं। सबसे बड़ी बात तो यह है कि जो सरकारी दवा फेंकी हुई थीं वह अभी एक्सपायर तक नहीं हुई थी। अमर उजाला ने प्रमुखता से इस खबर को प्रकाशित किया था। जिस पर सीएमओ ने तीन सदस्यीय जांच टीम गठित किया था। इसमें एसीएमओ डॉ. संजय, डॉ. वाई प्रसाद व फार्मासिस्ट दिनेश सिंह को शामिल किया गया है। डॉ. वाई प्रसाद ट्रेनिंग पर गए हुए हैं, जिसके चलते जांच की कवायद शुरू नहीं हो पा रही थी। बुधवार को सीएमओ ने टीम से डॉ. वाई प्रसाद को हटा कर डॉ. अजीज को शामिल कर दिया। जिस पर यह टीम बुधवार को सीएचसी कोल्हूखोर जांच करने पहुंची। बैच नंबर से यह पुष्ट हो गया कि दवाएं सीएचसी कोल्हूखोर की ही है। जिसे एसडीआई व सीडीपीओ को बच्चों को खिलाने के लिए दिया गया था। अब किसी विद्यालय पर कितनी दवा गई थी, कितने बच्चों ने खाई और स्टॉक में कितनी दवा बची है, इसकी जांच कराने का निर्देश दिया गया है। इसके लिए सीएमओ के निर्देश पर गठित जांच टीम ने पांच नई टीम बनायी है जो स्कूलों पर रेंडम जांच करेंगे और बृहस्पतिवार की शाम तक अपनी रिपोर्ट जांच टीम को सौंपेंगे। जांच की कवायद शुरू कर दी गई है। जल्द ही दवा फेंकने वालों की पहचान कर ली जाएगी और सरकारी दवा को फेंकने के मामले में जो भी दोषी होंगे, उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। स्कूलों की रेंडम जांच के लिए पांच टीम गठित की गई है और बृहस्पतिवार की शाम चार बजे तक रिपोर्ट तलब की गई है।