#ओडिशा में नकली सर्टिफिकेट का काला खेल: एक और नये रैकेट का हुआ भंडाफोड़, पुलिस ने की आरोपितों की गिरफ्तारी#
ओडिशा में चल रहे फर्जी सर्टिफिकेट रैकेट की चर्चा के बीच पुलिस ने एक और नकली सर्टिफिकेट रैकेट का पर्दाफाश किया है। बरहमपुर पुलिस ने फर्जी प्रमाणपत्र रैकेट के सरगना को दबोच लिया है। पुलिस ने अंतरराज्यीय फर्जी प्रमाणपत्र रैकेट के संबंध में स्कूल शिक्षक और उसके बेटे सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से भारी संख्या में फर्जी प्रमाण पत्र, खाली प्रमाण पत्र, लोगो, प्रिंटर, 6 स्मार्ट फोन जब्त किए गए हैं। ये ओडिशा के अलावा छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश शिक्षा विभाग का होलोग्राम लोगो लगाकर फर्जी प्रमाण पत्र बनाते थे।
यूक्रेन से लौटकर अमृत करता था यह काम
जानकारी के मुताबिक, गंजाम जिले के खलीकोट इलाके के एक शिक्षक दैतारी बेहरा का बेटा अमृत यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर लौटने के बाद छात्र-छात्राओं को विभिन्न राज्यों के विश्वविद्यालयों में प्रवेश दिलाने का काम करने लगा। इतना ही नहीं, उन्हें पास कराकर सर्टिफिकेट देने का भी वादा किया था। बरहमपुर की अपराजिता गौड़ उसके माध्यम से आंध्र प्रदेश के आचार्य नागार्जुन विश्वविद्यालय में बीएड की पढ़ाई कर रही थी।
सर्टिफिकेट मिलने के बाद इसके फर्जी होने का हुआ शक
सर्टिफिकेट मिलने के बाद पति को उसके फर्जी होने का शक हुआ और उसने यूनिवर्सिटी में इसके बारे में पता लगाया। प्रमाण पत्र फर्जी होने का पता चलने के बाद गोसाईं नुआगांव पुलिस स्टेशन में लिखित शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के आधार पर पुलिस ने छापेमारी की। जांच के दौरान आंध्र, ओडिशा और छत्तीसगढ़ क्षेत्रों के बड़ी संख्या में फर्जी प्रमाण पत्र जब्त किए गए।
पुलिस ने आरोपितों को किया गिरफ्तार
पुलिस ने इस मामले में शिक्षक दैतारी बेहरा, पुत्र अमृत बेहरा, फर्जी मुहर बनाने वाले कटक के किशोर चंद्र बेहरा और प्रमाण पत्र छापने वाले प्रिंटर प्रशांत कुमार साहू को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने पिता-पुत्र के खाते में मौजूद छह लाख रुपये फ्रीज कर दिए हैं। गौरतलब है कि ओडिशा में इन दिनों फर्जी प्रमाणपत्र के सहारे नौकरी पाने का मामला गर्माया हुआ है। पूरे राज्य में फर्जी प्रमाणपत्र को लेकर उथल-पुथल मची हुई है।