जिला न्यायालय ने किसान की गोली मारकर हत्या करने वाले दो दोषियों दलेलगढ़ गांव के रहने वाले जीते गुर्जर व गिरधरपुर के लीलू उर्फ लीले गुर्जर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दोनों पर नौ हजार का अर्थदंड लगाया गया है। अर्थदंड नहीं देने पर दोनों को एक महीने का अतिरिक्त कारावास काटना होगा। केस की सुनवाई विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी एक्ट ज्योत्सना सिंह की अदालत में हुई।
विशेष लोक अभियोजक श्याम सिंह चौधरी ने बताया कि 12 अप्रैल 2013 को दनकौर में किसान भरती सिंह जाटव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। भरती को जीते व लीलू अपने साथ घर से ले गए थे।
घटना वाले दिन देर शाम किसान का शव दनकौर के बिलासपुर में खेत में गोली लगी अवस्था में मिला था। पीड़ित स्वजन की शिकायत पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर जीते व लीलू को गिरफ्तार किया था। चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी। केस की सुनवाई के दौरान 13 गवाह पेश हुए।
गवाहों ने बताया कि लीलू पूर्व में किसान के भाई की पत्नी को भगा कर ले गया था। कुछ दिन बाद महिला खुद से वापस घर आ गई थी। इस बात को लेकर दोषी किसान से रंजिश मानते थे। इसी रंजिश में हत्या की घटना को अंजाम दिया गया था। सजा सुनाए जाने के बाद दोनों दोषी जीतू व लीलू को न्यायिक अभिरक्षा में लेकर जेल भेज दिया गया है।