दिबियापुर के गांव कनारपुर में बुधवार की दोपहर घर के बाहर खेल रहा पांच वर्षीय मासूम अचानक से लापता हो गया। स्वजनों ने उसे ढूंढने का प्रयास किया। इस बीच उसकी मां के पास एक नंबर से काल आई। कहा कि यदि बच्चे को सही सलामत पाना है तो 20 लाख रुपये देना होगा। नहीं तो बच्चा भूल जाओ। उसके मरने का इंतजार करो।
यह बात सुन स्वजन सहम गए। उसके पैरों तले जमीन निकल गई। जानकारी होने पर पहुंची पुलिस ने जांच शुरू की है। जिस नंबर से काल की गई। उसे ट्रेस किया गया है। गुरुवार की तड़के बच्चे को सकुशल बरामद किया गया। चार आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। एक को ऐरवाकटरा क्षेत्र से मुठभेड़ में पकड़ा गया।
गिरफ्तार किए गए विशाल पुत्र राघवेंद्र ने बताया कि उसने चाचा राजकुमार के पुत्र आलोक के बेटे का अपहरण रुपयों की खातिर किया। चचेरे भाई का रिश्ता है। कनारपुर निवासी आलोक दुबे दिबियापुर में एक निजी कंपनी में काम करते है। उनके दो बच्चे हैं। सात वर्षीय परी व पांच साल का बेटा अभिनय उर्फ युग।
युग बुधवार को घर के बाहर खेल रहा था। कुछ देर बाद वह लापता हो गया। घर के लोग तलाश करने लगे, लेकिन उसका कुछ पता नही चला। घर के लोग तलाश में जुटे ही थे कि फोन आया कि अगर बच्चे को सही सलामत चाहते हो तो 20 लाख का इंतजाम करो और ज्यादा चालाकी न करना।
बच्चे की मां ने कहा कि कहां से 20 लाख रुपये आएंगे। क्षेत्राधिकारी प्रदीप कुमार का कहना है कि बच्चा मिल गया है। चार आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ चल रही है। पुलिस अधीक्षक चारू निगम ने बताया कि कासगंज पुलिस सहित स्पेशल टास्क फोर्स व अन्य टीम की मदद से बच्चा बरामद हुआ है।
पकड़े गए आरोपियों में विशाल पुत्र राघवेंद्र दुबे सहित चार लोग हैं। इसमें कन्हैया, राहुल और एक महिला है। मुठभेड़ में जवाबी गोली विशाल के दाहिने पैर में लगी है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ऐरवाकटरा में उसे भर्ती कराया गया। पूछताछ में विशाल ने बताया कि दो महीने से यह सब प्लानिंग की गई थी।