बूलगढ़ी कांड में कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए मुख्य आरोपित संदीप को धारा 304 और एससी/एसटी एक्ट के तहत दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अन्य आरोपित रामू, रवि और लवकुश को वरी करने का आदेश दिया गया है। पीड़िता के अधिवक्ता महिपाल सिंंह ने यह जानकारी दी है।
अनुसूचित जाति की एक युवती पर हुआ था हमला
बूलगढ़ी में 14 सितंबर 2020 को अनुसूचित जाति की एक युवती पर हमला हुआ था। युवती के भाई ने गांव के ही संदीप के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। बाद में युवती के बयानों के आधार पर रवि, रामू और लवकुश के नाम और धाराएं बढ़ाई गईं। युवती का इलाज एएमयू के जेएन मेडिकल कालेज में चला।
सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान हुई थी मौत
28 सितंबर को युवती को अलीगढ़ से दिल्ली रेफर किया गया। 29 को उसकी दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई। युवती की मौत के बाद यह मामला गरमा गया। राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, भाीम आर्मी के चंद्रशेखर आजाद समेत देशभर के नेता, संगठनों से जुड़े लोग बूलगढ़ी पहुंचे थे।
सीबीआइ ने 104 लोगों को बनाया था गवाह
सीबीआइ ने इस मामले में 67 दिन की जांच के बाद 18 दिसंबर 2020 को चारों आरोपितों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या की धाराओं में चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की। 4 जनवरी 2021 को पहली सुनवाई हुई। सीबीआइ ने 104 लोगों को गवाह बनाया था, जिनमें से 35 लोगों की गवाही हुई थी।
मुकदमे में पूरी हो चुकी है बहस
गुरुवार को चारों आरोपितों को कड़ी सुरक्षा में अलीगढ़ जेल से यहां पेशी पर लाया गया। सीबीआइ के अधिवक्ता अनुराग मोदी, मृतका पक्ष के अधिवक्ता सीमा कुशवाह, महीपाल सिंह निमहोत्रा, बचाव पक्ष से अधिवक्ता मुन्ना सिंह पुंढीर, मृतका के स्वजन समेत अन्य लोग उपस्थित हैं। अधिवक्ता महीपाल सिंह निमहोत्रा ने बताया कि इस मुकदमे में दोनों पक्षों से बहस पूरी हो चुकी है।
हाथरस में चप्पे-चप्पे पर तैनात है पुलिस
गुरुवार को आरोप तय करने के साथ न्यायालय सजा सुना सकता है। सुनवाई और फैसले को लेकर पुलिस-प्रशासन ने भी सुरक्षा व्यवस्था की तैयारियां कर ली हैं। आइजी दीपक कुमार ने भी पुलिस अधिकारियेां के साथ बैठक कर दिशा-निर्देश दिए। एसपी देवेश कुमार पांडे ने भी कई टीमें गठित कर अलग-अलग स्थानों पर तैनात रहने के निर्देश दिए हैं।