#गोरखपुर शहर के बीचोबीच चल रहा था अवैध अस्पताल, बिना डॉक्टर के होता था इलाज, सिटी मजिस्ट्रेट ने किया सील#
गोरखपुर जिले में अवैध रूप से संचालित हो रहे डायमंड हॉस्पिटल एवं दुलारी डायग्नोस्टिक सेंटर रुस्तमपुर को सिटी मजिस्ट्रेट ने सील कर दिया। जिलाधिकारी के निर्देश पर सिटी मजिस्ट्रेट अंजनी कुमार सिंह एवं एडिशनल सीएमओ एनके चौधरी जांच के लिए पहुंचे तो न ही अस्पताल का पंजीकरण प्रपत्र दिखाया गया और न ही कोई अन्य दस्तावेज। अस्पताल में भर्ती मरीजों को एंबुलेंस से जिला अस्पताल भिजवाया गया और अस्पताल व डायग्नोस्टिक सेंटर को सील कर दिया गया।
इनकी शिकायत पर हुई कार्रवाई
शहर के पवन सिंह ने 22 फरवरी को मंडलायुक्त एवं जिलाधिकारी से मिलकर शिकायत की थी कि डायमंड अस्पताल की लापरवाही से उनके छोटे भाई की जान चली गई। उनका आरोप है कि 14 फरवरी को उनके छोटे भाई गौरव सिंह उर्फ सिंकू सिंह स्कूटी चलाकर डायमंड अस्पताल पहुंचे थे। वहां कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था। अस्पताल के कर्मचारियों ने इलाज किया। तीन घंटे बाद गौरव के स्वजन को सूचना दिए बिना ही उन्हें आर्यन अस्पताल में भर्ती करा दिया। जहां से पवन सिंह को बताया गया कि गौरव का निधन दो घंटे पहले ही हो गया था। अधिकारियों से की गई शिकायत में यह आरोप लगाया गया था कि डायमंड अस्पताल में बिना डॉक्टर के ही इलाज किया जाता है। जांच में यह बात सही पाई गई। इस मामले में विधिक कार्रवाई भी की जाएगी।
शहर के बीचोबीच चल रहा था अवैध अस्पताल
शिकायत के बाद हुई जांच में अवैध पाया गया अस्पताल शहर के बीचोबीच संचालित हो रहा था। स्वास्थ्य विभाग की ओर से अभियान तो चलाया जाता है, लेकिन शहर के बीच में संचालित हो रहा यह अस्पताल आज तक उनकी नजरों में नहीं आया।
नहीं दिखा सके पंजीकरण सील होगा अस्पताल
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. आशुतोष कुमार दुबे के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शनिवार को मोगलहा पेट्रोल पंप के बगल की गली में खुले एमकेसी सेवा संस्थान उर्फ शिया मैटरनिटी सेंटर का निरीक्षण किया। कर्मचारी पंजीकरण का प्रमाणपत्र नहीं दिखा सके। कोई पूर्णकालिक डाक्टर भी नहीं मिला। अस्पताल में मौजूद कर्मचारी प्रदीप कुमार को नोटिस जारी कर तीन दिन में भर्ती रोगियों को डिस्चार्ज करने के निर्देश दिए। कहा कि इसके बाद अस्पताल को सील कर दिया जाएगा।
क्या कहते हैं अधिकारी
सिटी मजिस्ट्रेट अंजनी कुमार सिंह ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर डायमंड अस्पताल एवं दुलारी डायग्नोस्टिक की जांच की गई है। जांच के दौरान वहां न तो कोई डाक्टर मिला और न अन्य कोई जिम्मेदार व्यक्ति। अस्पताल के पंजीकरण का प्रपत्र भी प्रस्तुत नहीं किया जा सका, जिसके चलते अस्पताल व डायग्नोस्टिक सेंटर सील कर दिया गया है।