ग्रेटर नोएडा में पकड़े गए चीन के 13 नागरिकों ने देश की आंतरिक सुरक्षा में सेंध लगाई है। सूत्रों ने दावा किया है कि चार साल में चीन के 26 नागरिकों ने नेपाल बार्डर के जरिये भारत में घुसपैठ की और बार्डर पार कर भारत में दाखिल हुए। भारत में दाखिल होने वाले चीन के नागरिकों ने ग्रेटर नोएडा के जेपी ग्रींस व घरबरा गांव में ठिकाना बनाया हुआ था।
गिरोह के सरगना सुफाइ ने आंतरिक सुरक्षा में सेंध लगाने में अहम किरदार निभाया। उसके कब्जे से मिले भारतीय पासपोर्ट के फर्जी होने की पुष्टि हुई है। पश्चिम बंगाल के दार्जलिंग के पते पर यह पासपोर्ट बनवाया गया। दार्जलिंग में सुफाइ के खिलाफ देश सुरक्षा विरोधी गतिविधि में शामिल होने के संबंध में एक और एफआइआर दर्ज की गई है।
दरअसल, बिहार के सीतामढ़ी में नेपाल बार्डर पर 11 जून 2022 को एसएसबी ने चीन के दो नागरिकों लु लैंग उम्र लगभग 30 वर्ष और तो यूं हेलंग 34 वर्ष को जासूसी के शक में पकड़ा था। दोनों बिना वीजा पासपोर्ट के अवैध तरीके से बार्डर पार कर भारत आए थे और ग्रेटर नोएडा में 18 दिन तक रहे थे। वापस जाते दौरान दोनों को पकड़ा गया था। यदि दोनों को पकड़ने में एसएसबी कामयाब न होती तो चीन के नागरिक ऐसे ही आंतरिक सुरक्षा में सेंध लगाते रहते।
सूत्रों ने दावा किया है कि दाखिल चार्जशीट में माना गया है कि चीन के नागरिकों ने बड़े पैमाने पर करीब 1200 करोड़ की ठगी की। गलत तरीके से घरबरा गांव में कैसिनो व अवैध शराब का अड्डा संचालित किया। चीन के नागरिकों को ग्रेटर नोएडा में रुकवाने की जिम्मेदारी सुफाइ व उसकी महिला मित्र पेटेख रेनुओ की थी।
एक्टिवेट सिम का प्रयोग कर आरोपितों ने ठगी का धंधा संचालित किया। चीन के नागरिकों को एक्टिवेट सिम उपलब्ध कराने में उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के रहने वाले विधुर तिवारी की भूमिका है। प्रत्येक एक्टिवेट सिम के बदले विधुर तीन हजार रुपये चीन के नागरिकों से लेता था।
ऐसे अवैध तरीके से भारत में दाखिल होते है चीन के नागरिक
चीनी के नागरिक नेपाल सीमा से बिना वीजा के भारत में घुसते है। पहले वह चीन से थाईलैंड होते हुए फ्लाइट से काठमांडू आते है। वहां से भिट्ठामोड़ बार्डर तक साइकिल से सफर करते है जिससे कि सुरक्षा एजेंसी को शक न हो। इसके बाद पैदल ही भारत-नेपाल बार्डर पार कर लेते थे। बार्डर पार करने के बाद ट्रैवल एजेंसी से संपर्क कर कार के रास्ते ग्रेटर नोएडा व दिल्ली एनसीआर में आते है। यह लोग भारत में ट्रेन से सफर नहीं करते है।
3000 एक्टिवेट सिम चीन भेजे
सुफाइ अब तक 3000 एक्टिवेट सिम चीन भेज चुका है। उन सिम का प्रयोग कर ठगी की जा रही है। कुछ नंबर ऐसे भी है जिनसे अभी भी ठगी का धंधा संचालित है। महज दो से तीन हजार रुपये के लिए भारतीय नागरिक पहचान पत्र का गलत प्रयोग कर चीन के नागरिकों को सिम उपलब्ध करा देते है।
6300 पन्ने की चार्जशीट से फंसी गर्दन
कोर्ट में दाखिल हुई 6300 पन्ने की चार्जशीट से सुफाइ व उसके भारतीय दोस्त नटवरलाल समेत कुल 19 लोगों की गर्दन फंस गई है। मजबूत पैरवी के चलते मामले में सख्त सजा हो सकती है।