सड़क सुरक्षा को लेकर दैनिक जागरण के ‘इन दौड़ती भागती सड़कों पर’ अभियान का असर दिखने लगा है। जम्मू कश्मीर प्रशासन सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीरता से लगातार कदम उठा रहा है। इसी कड़ी में प्रशासन ने जम्मू संभाग के पहाड़ी क्षेत्रों में हादसों का कारण जानने के लिए उच्च स्तरीय कमेटियां गठित करना शुरू कर दिया है। इसकी शुरुआत डोडा व किश्तवाड़ जिले से कर दी गई है।
उपराज्यपाल प्रशासन ने डोडा, किश्तवाड व रामबन के लिए पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। कमेटी का चेयरमैन लोक निर्माण विभाग के तकनीकी सचिव को बनाया है। कमेटी विभिन्न बिंदुओं पर काम कर सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी
सड़क दुर्घटनाओं की समय-समय पर समीक्षा, सड़क सुरक्षा परिषद द्वारा लिए फैसलों के कार्यान्वयन के साथ तय किए लक्ष्य को पूरा करेगी। जमीनी स्तर पर सड़क सुरक्षा से प्रबंधों की जमीनी स्तर पर निगरानी होगी। चिनाब वैली में सड़क हादसों का बड़ा कारण जर्जर सड़क और ओवरलोडिंग है। पिछले नौ वर्षों में 1400 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
पिछले वर्ष डोडा जिले में सबसे अिधक लोगों की मौत
वर्ष 2022 में सड़क हादसों में प्रदेश के 742 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। 551 लोगों की मौत जम्मू संभाग के दस जिलों में हुई है। डोडा में 227 सड़क हादसों में 40 की मौत, किश्तवाड़ में 96 हादसों में 33 लोगों की मौत हुई है। जबकि रामबन में 247 सड़क हादसों में 39 लोगों की मौत हुई है।
ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले 24 वाहन काली सूची में
जम्मू कश्मीर में लगातार बढ़ते सड़क हादसों और ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन की घटनाओं पर काबू पाने के लिए प्रशासन पूरी तरह सक्रिय है। लापरवाह चालकों के लाइसेंस निलंबित करने की प्रक्रिया के बाद अब वाहनों को काली सूची में शामिल करने के प्रविधान को भी लागू किया जाने लगा है।
दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में प्रशासन ने 24 वाहनों को काली सूची में शामिल किया है। यहां मिली जानकारी के अनुसार, दक्षिण कश्मीर के जिला कुलगाम में मोटर वाहन विभाग के दल ने लिरु, बेहीबाग, बोलस और यारीपोरा मार्ग पर लगभग 150 वाहनों की जांच की।