उपभोक्ता फोरम ने एक मामले में प्राइवेट क्लीनिक संचालक व महिला डॉक्टर को पांच लाख का हर्जाना पीड़ित को देने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही मुकदमा के खर्चे के रुप में पांच हजार रुपये की धनराशि देने को कहा है।उपभोक्ता फोरम ने यह निर्णय प्रसव के दौरान नवजात की मौत के मामले में फोरम में दाखिल मुकदमे की सुनवाई पूरी करते हुए दिया है।
आजमगढ़ जिले के मुबारकपुर के सुराई गांव निवासी चंद्रकेश यादव ने उपभोक्ता फोरम में दाखिल वाद में बताया कि उसकी बहु प्रियंका को प्रसव के लिए 11 नवंबर 2014 को उसे एनएम पॉलीक्लीनिक जमुड़ी में भर्ती कराया गया। रात आठ बजे डॉ. तैयब खां व डॉ. जाहिदा खातून ने प्रसव कराया। बच्चा जीवित पैदा हुआ लेकिन डॉक्टरों की लापरवाही से वह हाथ से छूट कर बाल्टी में गिर गया, जिससे सिर में चोट लगने से उसकी मौत हो गई। नवजात के पीएम रिपोर्ट में भी सिर में चोट से मौत होना बताया गया।
चंद्रकेश ने बताया कि जब वह अपनी बहु को अस्पताल से ले जाने लगा तो डॉक्टरों ने अपने लोगों से उन पर हमला करा दिया। फायरिंग भी कराई गई। अध्यक्ष कृष्ण कुमार व सदस्य गगन कुमार ने प्रकरण की सुनवाई पूरी करते हुए साक्ष्यों के आधार पर आरोप को सही पाया और नवजात की मौत में प्राइवेट क्लीनिक के डॉक्टरों की लापरवाही को मानते हुए पांच लाख रुपये बतौर हर्जाना देने का निर्देश दिया। इसके साथ ही वाद व्यय के रुप में पांच हजार रुपये अदा करने को कहा है।