पीड़ित दंपत्ति ने रामापुरा पार्षद मनोज सिंह पर लगाया जान से मारने का गम्भीर आरोप

पीड़ित दंपत्ति ने रामापुरा पार्षद मनोज सिंह पर लगाया जान से मारने का गम्भीर आरोप
अवैध तरीके से मांग रहा है 10 लाख रुपये की रंगदारी, नही देने पर महिला के साथ किया मारपीट और दुर्व्यवहार
वाराणसी। लक्सा थाना क्षेत्र के औरंगाबाद निवासी संजय सिंह एवं उनकी पत्नी ने रामापुरा वार्ड नंबर 77 के निर्दल प्रत्याशी मनोज कुमार सिंह के ऊपर जान से मारने की धमकी देने एवं 10 लाख रुपये रंगदारी मांगने के साथ ही पुत्री को उठाकर गलत कार्य करने की धमकी देने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को पुलिस आयुक्त से न्याय की गुहार लगाई है। पुलिस आयुक्त से गुहार लगाते हुए दंपत्ति संजय सिंह ने बताया कि वह लक्सा थाना क्षेत्र के औरंगाबाद जददु मंडी का निवासी है जो विगत कुछ वर्ष पूर्व वर्तमान में वार्ड नंबर 77 रामापुरा वार्ड से निर्दल पार्षद मनोज कुमार सिंह से कुछ रुपए उधार लिए थे जिसको वह ब्याज समेत चुकता भी कर चुका है ।

बावजूद इसके पार्षद मनोज कुमार सिंह आए दिन पीड़ित को धमकाते रहते हैं यहां तक कि घर में घुसकर महिलाओं के साथ छेड़खानी दुर्व्यवहार और मारपीट भी करते रहते हैं । इसकी शिकायत पीड़ित ने लक्सा थाना समेत पुलिस के कई आलाधिकारियों से किया है लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। यही कारण है कि दबंग प्रवृत्ति का माने जाने वाले पार्षद के ऊपर न्यायालय द्वारा गिरफ्तारी का वारंट भी जारी हो चुका है लेकिन वह खुलेआम घूम रहे हैं और पीड़ित को बार-बार धमकी दे रहे हैं कि मेरी भाजपा सरकार के कुछ कद्दावर नेताओं से और पुलिस के अधिकारियों से इतने अच्छे संबंध है कि तुम मेरा बाल बांका भी नहीं कर सकती हो और मैं तुम्हारे साथ जो भी चाहू वह कर सकता हूं। इतना ही नहीं उन्होंने पीड़ित पक्ष को यह भी धमकी दिया है कि यदि तुम मुझे 10 लाख रुपये नही देते हो तो मैं तुम्हारी नाबालिक बच्ची को भी उठा ले जाऊंगा और उसके साथ वह हरकत करूंगा कि तुम समाज में मुंह दिखाने लायक नहीं रहोगे। पीड़ित ने यह भी आरोप लगाया है की पार्षद मनोज सिंह कई बार उसके आवास पर जबरन घुस आए और अपने लगभग आधा दर्जन गुर्गों के साथ घर में घुसकर असलहे की नोक पर मारपीट किए और पत्नी के साथ दुर्व्यवहार की एवं उसके कपड़े तक फाड़ दिए। इसकी शिकायत भी पुलिस को किया गया लेकिन पुलिस उनको गिरफ्तार करने में उनके प्रभाव के कारण आनाकानी कर रही है। इस कारण से पीड़ित होकर के मजबूरन मुझे पुलिस के आलाधिकारियों एवं न्यायालय की शरण में जाना पड़ा है ताकि मुझे न्याय मिल सके।
ब्यूरो रिपोर्ट तौफीक खान