फलों एवं सब्जियों के स्वाद की तरह ही उनका रंग भी सभी को लुभाता है। अक्सर न्यूट्रिशनिस्ट कहते हैं कि थाली में फलों और सब्जियों का इंद्रधनुष होना चाहिए। यह इंद्रधनुष सिर्फ देखने में ही नहीं, सेहत की दृष्टि से भी बहुत अच्छा है। असल में हर रंग से हमारे शरीर को कुछ खास पोषण मिलते हैं। रंग और सेहत के बीच इस संबंध पर यूनिवर्सिटी आफ साउथ आस्ट्रेलिया की एवांजलिन मेंटजियोरिस ने कुछ अहम निष्कर्ष दिए हैं।
आंखों को रोशन करता है नारंगी
नारंगी रंग के फलों और सब्जियों में भी कैरटेनोइड्स होते हैं, लेकिन इनका प्रकार अलग होता है। इनमें अल्फा और बीटा कैरोटीन भी पाए जाते हैं। अल्फा और बीटा कैरोटीन को हमारा शरीर विटामिन ए में बदल देता है, जो आंखों के लिए बहुत अच्छा है। इससे नजर तेज होती है। विटामिन ए शरीर में एंटी आक्सीडेंट की तरह भी काम करता है। यह उन अंगों के फ्री रेडिकल्स को शांत करता है, जो वसा से बने हैं। यह कैंसर और दिल की बीमारियों से बचाता है। ये पोषक तत्व गाजर, कद्दू, संतरा, एप्रीकोट और हल्दी में पाए जाते हैं।
मूलत: पौधों से प्राप्त होने वाले आहार में जो पोषक तत्व होते हैं, उन्हें फाइटोन्यूट्रिएंट कहा जाता है। लाल रंग वाले फलों और सब्जियों में कैरटेनोइड्स नाम के फाइटोन्यूट्रिएंट होते हैं। कैरटेनोइड्स बहुत अच् एं छे टी आक्सीडेंट होते हैं। दरअसल शारीरिक गतिविधियों के दौरान बहुत से फ्री रेडिकल्स बनते हैं। ये शरीर में विभिन्न प्रोटीन, सेल मेंब्रेन और डीएनए तक को नुकसान पहुंचा सकते हैं। वैसे तो यह बहुत सामान्य प्रक्रिया है और इसी प्रक्रिया के कारण समय के साथ शरीर बूढ़ा हो जाता है। लेकिन अनियंत्रित हो जाएं तो ये फ्री रेडिकल्स कैंसर जैसी बीमारी का कारण भी बन सकते हैं। एंटी आक्सीडेंट इन फ्री रेडिकल्स को शांत करते हैं और इनके कारण होने वाले नुकसान से बचाते हैं। टमाटर, सेब, चेरी, तरबूज, लाल अंगूर और स्ट्राबेरी में ये एंटी आक्सीडेंट प्रचुरता में मिलते हैं। ये गठिया, टाइप 2 डायबिटीज, दिल की बीमारियों से भी बचाते हैं।