कुबेर और हरिति कौन है और दीपावली से उनका क्या सम्बन्ध है ?- जानते है वास्तु शास्त्री डॉ सुमित्रा अग्रवाल जी से

सेलिब्रिटी वास्तु शास्त्री डॉ सुमित्रा अग्रवाल, कोलकाता
इंटरनेशनल वास्तु अकादमी सिटी प्रेजिडेंट कोलकाता

आज हम दीपावली में गणेशजी और लक्ष्मीजी की पूजा करते है परन्तु दीपावली पर्व ३ -४ हजार वर्ष पुराना है। यह पहले यक्षों का पर्व था। ग्रंथो की माने तो ऐसा बताया हुआ है की शिव के समक्ष कुबेर गणेश रूप में परिवर्तित हो गए।कुबेर की पत्नी का मनम हरीति है। उनका स्वरुप भी परिवर्तित हो गया।
हरीति कौन है ?
‘हरित’ शब्द का अर्थ प्रतीकरूप में प्राकृतिक संपदा या कृषि से है। हरीति कुबेर की पत्नी है।

कुबेर के स्थान पर श्रीगणेश और कुबेर-पत्नी के स्थान पर लक्ष्मी का पूजन बाद में प्रारंभ हुआ। कुबेर तो केवल धन के अधिपति हैं, जबकि गणेश ऋद्धि-सिद्धि भी प्रदान करने वाले हैं। इसी तरह ‘हरिति’ की पूजा महारानी होने के कारण की जाती है, वहीं लक्ष्मी की प्रसन्नता से शुभ और लाभ दोनों की प्राप्ति होती है। लक्ष्मी श्री विष्णुपत्नी होने के कारण अपनी संतति का पालन करने के लिए समस्त संपदा को देने वाली हैं।