*पापा*
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*सबने अपने पापा की बातें बतलाई*
*सब ने अपने पापा की खूब प्रशंसा गाई*
*पर मैं गुमसुम थी पापा क्योंकि मैं आप बिन अधूरी हूं… ना पापा*…..
*आज आपकी बहुत याद आई*…….
*पापा आप शब्द हो मैं अर्थ हूं*
*आप बिन मैं व्यर्थ हूं ना पापा*……..
*जिंदगी के हर दर्द में हमदर्द आप हो पापा*
*खुशियों का समंदर आप हो पापा*
*धूप से बचाने वाला बरगद का वृक्ष आप हो पापा*. …..
*पापा आज आपकी बहुत याद आई*. ……..
*दुनिया को जीतने वाले पापा*…..
*हमारी जीत के आगे हार गए ना पापा*…….
*दिल की गहराई से एक सबक सीखा है पापा*
*आप के सहारे बिना सारा जीवन फीका है पापा*
*आज आपकी बहुत याद आई पापा*..,…….
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*प्रस्तुति …… श्रेया मौर्य ग्राम ….पोस्ट …. गजियापुर ( दुबारी ) मधुबन जनपद …मऊ*