*हाथी पर सवार होकर मां दुर्गा के आने का आशय*

*हाथी पर सवार होकर मां दुर्गा के आने का आशय*

मिर्जापुर। धर्मग्रन्थों के अनुसार इस बार शारदीय नवरात्र में माता दुर्गा हाथी पर बैठकर आ रही हैं। जिसे शुभ माना जा रहा है। हाथी इसलिए शुभ माना गया है क्योंकि हाथी को अत्यंत संवेदनशील कहा गया है। उसकी आँखों में आंसू बहता है, यानी उसकी आँखों में पानी है। आंखों का पानी संवेदना का सूचक है। यदि मां दुर्गा के उपासक की आंखों में पानी है तो इसका मतलब उस पर मां दुर्गा की कृपा बनी है। दूसरों की पीड़ा पर द्रवित होना संवेदशीलता का लक्षण है।

*बड़े होते हैं कान*

हाथी के कान बड़े होते हैं। बड़ा कान क्षुद्रता से मुक्त होना है। वरना निंदा और चुगली में इंसान का समय अधिक व्यतीत हो जाता है।

*सफाई करते चलता है हाथी*

हाथी राह चलता है तो अपने सूड़ से धरतीं के धूल कणों को साफ करते हुए चलता है। महात्माओं ने कहा भी है कि स्वच्छता में देव-शक्तियां निवास करती हैं। उपासक को भी चाहिए कि वह जहां रहे, स्वच्छ वातावरण बनाएं। इससे वह बीमारियों से दूर रहेगा। यही कारण है कि जब मगरमच्छ ने नदी में हाथी के पैर को पकड़ कर पानी में खींचना शुरू किया तब भगवान श्रीकृष्ण ने हाथी की रक्षा की थी।

*निहितार्थ*

अतः उपासक को चाहिए कि यदि माता दुर्गा की कृपा चाहता है तो वह हाथी के उक्त गुणों को भी आत्मसात करें।

*सलिल पांडेय, मिर्जापुर।*