आजमगढ़। कानून बनने के बाद भी मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से छुटकारा नहीं मिल रहा है। जिले में तीन महिलाओं ने अलग-अलग थाने में तीन तलाक दिए जाने पर पुलिस से गुहार लगाई है।
तीन तलाक से मुस्लिम महिलाएं परेशान थी। ऐसे में 19 सितंबर 2018 से देश में तीन तलाक कानून लागू किया गया था। इस कानून के बाद मुस्लिम महिलाओं को उम्मीद थी कि उन्हें तीन तलाक से उन्हें निजात मिलेगी। बावजूद इसके तीन तलाक के मामले रुके नहीं। आजमगढ़ जिले की बात करें,तो तीन तलाक के मामले अभी भी लगातार सामने आ रहे हैं। फलस्वरूप पुलिस शिकायत पर केस पर केस दर्ज करती जा रही है।
पहला मामला अतरौलिया थाने का है। सिधारी थाने के जाफरपुर गांव निवासी शहजाद की पुत्री की शादी अतरौलिया थाने के जमीन दसांव गांव में शहवान से हुई थी। शहजाद ने अतरौलिया थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है कि उसकी बेटी को दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाता रहा। एक दिन ऐसा भी आ गया कि पति ने तीन तलाक बोल दिया।
दूसरी मामला फूलपुर कोतवाली का है। इस इलाके में व्याही गई महिला के साथ तो दरिंदगी की हद कर दी गई। तीन तलाक की शिकार हुई महिला ने खुद फूलपुर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई है कि उसका पति उसके साथ जबरदस्ती प्राकृतिक और अप्राकृतिक संबंध बनाता रहा।इसके बाद भी तीन तलाक दे दिया। पुलिस ने आरोपी पति जीशान के खिलाफ रेप सहित तीन तलाक की रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
तीन तलाक की शिकार हुई तीसरी महिला तनजीला का मायका शहर के कोट मोहल्ले में है। उसकी शादी जीयनपुर के एक गांव में हुई थी। दहेज के लिए उसे भी प्रताड़ित करने के बाद पति ने तीन तलाक दे दिया है। आरोपी पति सदरूद्दीन सहित परिवार के सात लोगों पर रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस जांच शुरू कर दी है।