गोरखपुर। सिद्धार्थनगर के डिप्टी आरएमओ राजू प्रसाद पटेल को शासन ने निलंबित कर दिया। आयुक्त खाद्य एवं रसद विभाग पी गुरुप्रसाद ने यह कार्रवाई करते हुए निर्देश जारी किया है।वर्ष 2020-21 में आजमगढ़ में तैनाती के दौरान डिप्टी आरएमओ पर धान खरीद में अनियमितता का आरोप लगा था। शासन के निर्देश पर संभागीय खाद्य नियंत्रक को मामले की जांच सौंपी गई थी। रिपोर्ट आने पर कार्रवाई की गई है।
शासन के निर्देश पर जांच कर रहे संभागीय खाद्य नियंत्रक ने सौंपी अपनी रिपोर्ट
डिप्टी आरएमओ राजू प्रसाद पटेल पर आरोप था कि खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना में राइस मिलों के संबंद्धीकरण व सीएमआर (कस्टम मिड राइस) संप्रदान में घोर लापरवाही बरती गई। जिस कारण से 24 सितंबर 2021 तक आजमगढ़ में कुल एजेंसियों का 5511.41 मीट्रिक टन सीएमआर भेजा जाना अवशेष है। इसमें करीब 602.84 मीट्रिक टन अभी भी खाद्य विभाग के विपणन शाखा का अवशेष है। इन्होंने नियम की अनदेखी करते हुए राइस मिल का संबंद्धीकरण व सीएमआर में कार्रवाई की। जिससे शासकीय कार्य प्रभावित हुई। राज्य सरकार व एजेंसियों की धनराशि अवरुद्ध हो गया है। जांच में सामने आया है कि जनपद स्तरीय अधिकारी होने के बाद भी इन्होंने समुचित निरीक्षण व पर्यवेक्षण नहीं किया। जो शासकीय कार्य में कर्तव्य में शिथिल होने का स्पष्ट प्रमाण है।
क्या है सीएमआर
खाद्य एवं रसद विभाग में सीएमआर का विशेष महत्व है। सरकारी क्रय केंद्रों पर खरीदे गए धान को संबंद्ध राइस मिल को भेजा जाता है। इस धान से बने चावल को भारतीय खाद्य निगम के गोदाम में जमा करते हैं। इसी चावल को कोटे की दुकान में भेजा जाता है।
डीएसओ आजमगढ़ ने दर्ज कराई थी एफआइआर
वर्ष 2020-21 में तैनाती के दौरान डिप्टी आरएमओ राजू प्रसाद पटेल की तत्कालीन जिला पूर्ति अधिकारी देव मणि मिश्रा से सीएमआर को लेकर विवाद हुआ था। मामला शासन तक पहुंचा। वहां के तत्कालीन डीएसओ ने डिप्टी आरएमओ पर अनियमितता बरतने के आरोप में एफआइआर दर्ज कराया।
डिप्टी आरएमओ के निलंबन की सूचना मिली है। शासन से पत्र मिलने पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। धान खरीद की तैयारियों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। समय से क्रय केंद्रों के संचालन शुरू किया जाएगा। – दीपक मीणा, जिलाधिकारी।