रिपोर्ट— सुरेन्द्र धनेत्रा
राज्य सरकार की हठधर्मिता के चलते एक बार फिर से उत्तराखंड विद्युत अधिकारी/कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने 05 अक्टूबर से हड़ताल पर जाने का ऐल्टीमेटम सरकार को जारी किया है।साथ ही जनता के नाम खेद पत्र जारी करते हुए कहा गया है कि सरकार के द्वारा उनकी मांगों की अनदेखी के कारण वे लोग हड़ताल पर जाने को विवश हैं,इसलिए हड़ताल के दौरान जनता को विद्युत आपूर्ति संबंधी होने वाली परेशानियों को देखते हुए आम जनता से माफी भी मांगी गई है।
विद्युत उप वितरण खंड के उपखंड अधिकारी अतुल कुमार ने बताया कि राज्य स्थापना के उपरांत 21 वर्षों में विद्युत कर्मियों ने राज्य हित में कभी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल नहीं की। परंतु राज्य सरकार व नौकरशाहों की हठधर्मिता के कारण ही उत्तराखंड राज्य के समस्त विद्युत कर्मियों को न चाहते हुए भी हड़ताल पर जाना पड़ रहा है।
बताते चलें कि 27 जुलाई 2021 को विद्युत कर्मियों की त्रिपक्षीय वार्ता में प्रबंधन व सरकार द्वारा विद्युत कर्मियों की 14 सूत्रीय मांगों को उचित ठहराते हुए अपने अपने स्तर में क्रमशः 15 से 30 दिनों के भीतर निस्तारण हेतु लिखित समझौता किया गया था। विद्युत कर्मियों का कहना है कि इस समझौते को दो माह से ऊपर हो गये हैं और सरकार उनकी न्यायोचित मांगों को गंभीरता से कोई भी सकारात्मक कार्रवाई नहीं की गई।
उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने सरकार को चेताया है कि27 जुलाई 2021 को हुए समझौते के अनुसार 05 अक्टूबर 2021 तक शासन द्वारा विद्युत कर्मियों की मांगों पर कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं होने की दशा में संपूर्ण राज्य में 06 अक्टूबर सुबह 8 बजे से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को विवश होगा।
जनता के नाम जारी खेद पत्र में लिखा गया है कि हड़ताल की अवधि के दौरान जनता को होने वाली असुविधा एवं विद्युत उत्पादन,पारेषण व वितरण के लिए उन्हें खेद है तथा वे सभी जनता से माफी मांगते हैं और कहा गया है कि इसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।और जनता से अपील की है कि हड़ताल के दौरान अपने स्तर से मोबाइल चार्जिंग,टार्च, मोमबत्ती आदि की व्यवस्था करना सुनिश्चित करें। जिससे की विद्युत आपूर्ति बाधित होने की दशा में किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।