चार हजार ऑटो को परमिट, लेकिन दौड़ रहे हैं बीस हजार से ज्यादा

बनारस की सड़कों पर भले ही जाम की समस्या को खत्म करने के लिए शासन और प्रशासन संजीदा हैं। मगर, परिवहन विभाग की लापरवाही के चलते सड़कों पर अवैध ऑटो कब्जा जमाए हैं। परिवहन विभाग में पंजीकृत ऑटो से तीन गुना से ज्यादा ऑटो मनमाने तरीके से किसी भी रूट पर संचालित हैं। शहर में सीएनजी ऑटो को परमिट का प्रावधान है और इस बार हुई संभागीय परिवहन प्राधिकरण बिना सीएनजी वाहनों को शहर में नहीं संचालित करने का निर्णय लिया गया है। मगर, अवैध तरीके से चल रहे ऑटो पर लगाम के लिए कोई प्रयास नहीं है।
परिवहन विभाग के आंकडों पर नजर डालें तो जनपद की सड़कों पर चलने के लिए मात्र 7500 ऑटो व ई-रिक्शा रजिस्टर्ड हैं। इनमें से भी मात्र 4866 ऑटो रिक्शा शहर के लिए स्वीकृत हैं। जबकि 15 से 20 हजार ऑटो रिक्शा शहर की सड़कों पर दौड़ रहे हैं। पूरे जनपद की बात करें तो लगभग 10526 पैसेंजर थ्री व्हीलर और 1070 गुड्स थ्री व्हीलर ही विभाग में पंजीकृत हैं। जबकि कचहरी, लंका, कैंट स्टेशन, मैदागिन से ही हजार से अधिक अवैध ऑटो रिक्शा संचालित हो रहे हैं। परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार की मानें तो ऑटो रिक्शा को सवारी ढोने के मानकों के हिसाब से परमिट दिया जाता है। इसमें स्कूली बच्चों की सुरक्षा के लिए कोई अलग से व्यवस्था नहीं होती है। स्कूली बच्चों को लाने व ले जाने के लिए ऑटो रिक्शा में खुद ही रिक्शा चालक बदलाव करा लेता है, जो कि मानकों के विपरीत है।