आप रोडवेज बस से सफर करते समय टिकट लेने के दौरान फुटकर पैसे को लेकर जरूर परेशान हुए होंगे लेकिन अब ये सब बातें पुरानी हो जाएंगी। परिवहन विभाग भी अब धीरे-धीरे हाईटेक हो रहा है। जिले की 82 बसों को एंड्राएड ई-टिकटिंग मशीन से लैस किया जा रहा है।रूटचार्ट, किराया और स्टेशन का नाम आदि अपडेट करके इन सभी मशीनों को जल्द ही बसों में रखवा दिया जाएगा। इसका सीधा लाभ यात्रियों को मिलेगा। जिले से प्रतिदिन करीब सात हजार यात्री रोडवेज बसों से यात्रा करते हैं।
परिवहन निगम से मिली जानकारी के अनुसार जौनपुर से होकर वाराणसी, औराई, प्रयागराज, आजमगढ़, गाजीपुर, लखनऊ, आंबेडकरनगर आदि स्थानों के लिए बसें चलती हैं। यहां से कुल 83 बसों का संचालन किया जाता है। इन बसों से यात्रा करने वालों को टिकट लेने के दौरान छुट्टा पैसा देने में झंझट न हो, परिचालकों को भी रास्ते में पैसे गिरने, लूटने का आदि की चिंता न रहे इसके लिए 82 बसों को कैशलेस किया जा रहा है। परिवहन निगम की ओर से 82 टच स्क्रीन ई-टिकटिंग मशीनें मुहैया कराई गई हैं। लखनऊ से इन इन मशीनों के मिलने के बाद इसे अपडेट करने की प्रक्रिया तेज हो गई है। इस मशीन के माध्यम से यात्री टिकट का पेमेंट ऑनलाइन करके परिचालक से टिकट प्राप्त कर सकेंगे। यदि इन मशीनों में कोई दिक्कत होती है तो इसके लिए विशेषज्ञ भी रखे जाएंगे। तो समस्याओं का समाधान करेंगे। सितंबर के शुरूआत से बसों में ऑनलाइन पेंमेंट शुरू होने की उम्मीद है।
कैसे काम करेगी मशीन, क्या होगा लाभ
एंड्राएड ई-टिकटिंग मशीनों के अंदर किराया और रूट अपलोड करने के बाद परिचालकों को उपलब्ध करा दिया जाएगा। कुछ दिन में ही ऑनलाइन पेमेंट की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। कैशलेस की सुविधा चालू होने से सवारियों को काफी सुविधा भी मिलेगी। यात्रा के दौरान यात्री नकद किराया के साथ ही क्रेडिट कार्ड, डेबिड कार्ड, फोन पे, पेटीएम, गूगल-पे सहित विभिन्न डिजिटल तरीके से टिकट खरीद सकते हैं। इससे फुटकर और वापस का झंझट का भी दूर हो जाएगा।
लूट की भी नहीं होंगी घटनाएं, सुरक्षित होगा सफर
कई बार रोडवेज बस के परिचालक से लूट की नियत से बदमाश बसों में चढ़ जाते हैं। अब जब व्यवस्था ऑनलाइन हो जाएगी तो इसपर रोक लगेगी। परिवहन निगम से जुड़े अधिकारी बताते हैं कि जब कैशबैग में कैश होगा ही नहीं तो लूट करने वाले लूट की नियत से नहीं चढ़ेंगे। ऑनलाइन होने वाला पेमेंट सुरक्षित होता है। पूर्व में लूट से जुड़ी घटनाएं भी जिले में हो चुकी हैं। वर्ष 2019 के नवंबर में पड़ोसी जिले आजमगढ़ के सीमावर्ती इलाके में एक घटना हुई थी।
जौनपुर डिपो को 82 एंड्राएड ई-टिकटिंग मशीनें मिली हैं। मशीनों के अंदर किराया और रूट अपलोड करने की प्रक्रिया चल रही है। इसके साथ ही साफ्टवेयर अपलोड करने के बाद परिचालकों को मशीन दी जाएगी। जल्द ही बसों में ऑनलाइन पेमेंट की व्यवस्था शुरू होगी।
– विश्राम, एआरएम, रोडवेज