कर्नलगंज, गोण्डा। स्थानीय कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत कस्बा कर्नलगंज के एक प्रतिष्ठित दवा व्यवसायी पुत्र के पांच दिनों से लापता होने के संबंध में परिजनों द्वारा काफी खोजबीन करने के बाद पता ना चलने से थाने में गुमशुदगी भी दर्ज कराई जा चुकी है। इसके बावजूद पाँच दिन बीतने के बाद भी पुलिस कोई पता अभी तक नहीं लगा सकी है।जिससे परिजन काफी दुखी होकर किसी अनहोनी की आशंका से भी भयभीत नजर आ रहे हैं।
प्रकरण कर्नलगंज कोतवाली क्षेत्र के कस्बा कर्नलगंज से जुड़ा है, जहां कस्बे के मोहल्ला गांधी नगर निवासी हरीश गुप्ता दवा व्यवसायी की सतीश मेडिकल स्टोर के नाम से स्टेशन रोड पर दुकान है। उनका बड़ा पुत्र पीयूष कुमार गुप्ता उम्र करीब 39 वर्ष जो अपने पिता के दवा व्यवसाय को संभाल रहा था और खुद भी एक दवा व्यवसायी का कार्य करता था। जो बीते 16 अगस्त को दिन में अचानक लापता हो गया। जिसके देर रात्रि तक घर न पहुंचने पर परिवार के लोगों को काफी चिंता हुई और उन्होंने बेटे के दोस्तों, परिचितों, सगे संबंधियों के साथ-साथ आसपास के इलाके में खोजबीन शुरू कर दी, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला। जिससे विवश होकर परिजनों ने थाने में गुमशुदगी दर्ज कराते हुए आम जनमानस से भी उक्त लापता पुत्र के संबंध में कोई भी सूचना मिलने पर घर वालों के मोबाइल नंबर जानकारी देने की अपील भी की गई। गुमशुदा युवक के पिता हरीश गुप्ता ने बताया कि उनके पुत्र को कुछ अज्ञात नंबरों से पिछले कई महीनों से फोन किया जा रहा था और उन्होंने अपने बेटे के ब्लैकमेल किए जाने की आशंका जतायी। इस संबंध में उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि अलग-अलग अज्ञात नंबरों से उनके पुत्र के नंबर पर फोन करके पैसे की मांग की जाती थी। जिसके वजह से उनका पुत्र आए दिन घर से पैसे लेकर किसी अज्ञात के खाते में पैसा ट्रांसफर भी कराता रहता था। वहीं पुत्र के लापता होने से पूरा परिवार दुखी है और परिजन किसी अनहोनी की आशंका से भी भयभीत नजर आ रहे हैं। बताते चलें कि कस्बे के दवा व्यवसायी के पुत्र के लापता होने की खबर से कस्बे में हड़कंप मचा है। वहीं परिजन भी काफी चिंतित और परेशान हैं। इस संबंध में कोतवाल सुधीर सिंह का कहना है कि परिजनों की तरफ से गुमशुदगी की सूचना मिली है और गुमशुदगी दर्ज कर पुलिस लापता युवक की तलाश में लगी हुई है। जबकि पांच दिन बीतने के बाद भी पुलिस के अभी तक खाली हाथ होने और लापता युवक के कोई सुराग ना लग पाने से पुलिसिया कार्यप्रणाली सवालिया घेरे में खड़ी हो रही है।