खबर का असर
कर्नलगंज, गोण्डा। स्थानीय क्षेत्र में अपने निरंकुश कार्यशैली को लेकर व विवादों से गहरा नाता रखने वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डाक्टर सुरेश चंद्रा के तबादले का ऐसा फरमान जारी हुआ कि वह जुलाई का वेतन अब नई तैनाती स्थल से ही ले सकेंगे और तत्काल प्रभाव से स्थानांतरित स्थल पर पहुँचकर कार्यभार ग्रहण कर शासन को सूचित करेंगे। ऐसा आदेश शायद ही कभी किया गया हो। बताते चलें कि लम्बे अरसे से कर्नलगंज में मलाई काट रहे व कुछ लोगों की निगाह में रसूखदार बने डाक्टर सुरेश चंद्रा को शासन द्वारा तत्काल प्रभाव से हटाकर उन्हें संत कबीर नगर के मुख्य चिकित्साधिकारी के अधीन रखा गया है और उन्हें तत्काल नवीन तैनाती स्थल पर पहुंचकर कार्यभार ग्रहण कर शासन को सूचित करने का सख्त निर्देश जारी किया गया है। अब इन्हें जुलाई माह का वेतन नवीन तैनाती स्थल से ही मिल सकेगा।
बताते चलें कि डाक्टर सुरेश चंद्रा कर्नलगंज सीएचसी पर करीब छह वर्ष से तैनात हैं, जबकि एक डाक्टर को तीन वर्ष से ज्यादा एक स्थान पर तैनात रहना नियम विरुद्ध माना जाता है। डा० सुरेश चंद्रा के कार्यकाल में अस्पताल से बच्चा चोरी, नवजात शिशुओं की मौत पर हंगामा, अस्पताल गेट पर प्रसव का गैर जिम्मेदाराना मामला, अस्पताल में दवाओं का जलाया जाना, इनकी प्राइवेट प्रैक्टिस तथा अपने स्वार्थ के चलते स्थानीय दो व्यक्तियों पर मुकदमा दर्ज कराने जैसा विवादित मामला अखबार की सुर्खियों में खूब रहा। सूत्रों की मानें तो अपने इसी कार्यकाल में इन्होंने कर्नलगंज क्षेत्र में कई अचल संपत्तियों को भी अपने या अपने परिजनों के नाम से अर्जित किया। फिलहाल यह तो जांच का विषय है। वहीं इन पर फर्जी मेडिकल करने सहित कई और गंभीर आरोप हैं। जिसको लेकर 2019 में सदर विधायक प्रतीक भूषण सिंह द्वारा इनकी शिकायत मुख्यमंत्री से की जा चुकी है जिसकी जांच शायद अभी होना बाकी है। लोगों का कहना है कि यदि इनके पूरे कार्यकाल की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच कराई जाए तो इनके और कई कारनामे सामने आ सकते है। मालूम हो कि समाचार पत्र एवं न्यूज़ चैनलों द्वारा बीते कुछ महीनों से स्थानीय सीएचसी पर फैली अव्यवस्थाओं व मरीजों को हो रही परेशानियों को लेकर लगातार खबरें चलाई जा रही थी तथा सीएचसी अधीक्षक डाक्टर सुरेश चंद्रा के कार्यकाल व उनकी निरंकुश कार्यशैली को उजागर किया जा रहा था। वहीं डा० सुरेश चंद्रा के स्थानांतरण हेतु शासन द्वारा जारी किए गए पत्र के बारे में जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी गोंडा से पूछा गया तो उन्होंने गोलमाल जवाब दिया और कहा कि मुझे जानकारी नहीं है, इसकी पुष्टि अब सोमवार को हो पायेगी।