आजमगढ़ गांव सरकार लागू करने के लिए अन्न जल संकल्प अभियान का जनपद में हुआ शुभारंभ ,चंद्र भूषण न्यायाधीश राष्ट्रीय अध्यक्ष नैतिक पार्टी

आजमगढ़। गांव सरकार लागू करने के लिए अन्न जल संकल्प अभियान बलिया व गाजीपुर के दर्जनों गांव में आयोजित होने के बाद 25 जून से आजमगढ़ व मऊ जनपद के गांवों मे शुरू हुआ है। प्रेस को संबोधित करते हुए चन्द्र भूषण पाण्डेय, पूर्व न्यायाधीश एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष, नैतिक पार्टी, भारत परिषद व राष्ट्रीय पंचायती राज ग्राम प्रधान संगठन ने अवगत कराया। इस अभियान में कार्यक्रम की शुरूआत घंटा व शंख बजाकर किया जाता है। उसके बाद राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है। राष्ट्रगान के पश्चात गांव सरकार के बारे में वक्ता अपने विचार प्रस्तुत करते हैं। तत्पश्चात् उपस्थित जन समूह अंजुलि में अन्न जल भरकर संकल्प लेते हैं यदि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी संविधानिक व्यवस्था गांव सरकार लागू नहीं करते हैं तो उनको 2024 के लोक सभा चुनाव में वोट नहीं देंगे। पूर्व न्यायाचीश चन्द्र भूषण पाण्डेय ने कहा कि संविधान ने ग्राम पंचायतों को गांव -सरकार की तरह काम करने का अधिकार दिया है। जिस तरह से केन्द्र सरकार को 97 विभाग, राज्य सरकार को 66 विभाग दिए गए हैं उसी तरह गांव पंचायत को 29 विभाग कार्य दिया गया है। उसके लिए वित्तीय व्यवस्था भी कर दी गई है। ग्राम पंचायत को यम बनाने, संसाधन जुटाने व कर्मचारी रखने जैसे भी अधिकार है लेकिन राज्य सरकारों ग्राम पंचायतों का यह अधिकार ले लिया है और ऐसी व्यवस्था बनाई है कि राज्य सरकार – निर्देश देगी उसके अनुसार ग्राम पंचायत कार्य करेगी। उ0प्र0 में यह व्यवस्था उ०प्र० पंचायती राज अधिनियम की धारा 15 में किया गया संविधान के अनुसूची 11 में दिए गए सभी 29 विभाग ग्राम पंचायत को दे तो दिए गए किन यह शर्त लगा दी गई है कि यह अधिकार राज्य सरकार के निर्देशों के अधीन प्रयोग र जायेंगे | इस प्राविधान के कारण ग्राम पंचायत स्वशासी संस्था न बनकर सरकारी नाग हो गई है और राज्य सरकार जो शासनादेश (जी.ओ.) जारी करती है उसी के सार ग्राम पंचायत काम करती है। इस प्रकार ग्राम पंचायत नेताओं व अफसरों का नाम बनकर रह गयी है। गांव को नेताओ व अफसरों की गुलामी से मुक्त कराने के लिए अन्न जल संकल्प अभियान छेड़ा गया है ताकि ग्राम पंचायत गांव सरकार के रूप में

गांव की सभी व्यवस्थाएं अपने ढंग से स्वतंत्र होकर चलाए। सभी 29 विभागों के लिए पांच-पांच ग्राम पंडित नियुका करें। इससे कम से कम 200 लोगों को गांव में रोजगार मिलेगा तथा गांव के लोग विभिन्न प्रकार के काम करते हुए हुनस्थान वर्नेने । गांव-गांव में सैकड़ों लोग अन्न जल को साक्षी मानकर संकल्प ले रहे हैं कि यदि मोदी जी ने संविधानिक व्यवस्था गांव सरकार लागू नहीं किया तो उनको वोट नहीं देने। चन्द्र भूषण पाण्डेय का कहना है कि गांव के लोगों द्वारा वोट न देने का संकल्प लेना लोकतंत्र का सुन्दर नमूना है। जब मोदी जी वोट मांगते समय जनता को कुछ देने का वादा कर सकते हैं तो जनता भी कुछ पाने के लिए वोट देने का वादा कर सकती है। आखिर वोट देना या न देना पूर्ण रूप से जनता का ही अधिकार है। घंटा बजाकर कार्यक्रम की शुरूआत करने के बारे में चन्द्र भूषण पाण्डेय ने बताया कि यह सोई हुई जनता जनार्दन को जगाने के लिए किया जाता है राष्ट्रध्वज तिरंगा फहराने के बारे में राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि गांव में केवल 15 अगस्त व 26 जनवरी को तिरंगा फहराया जाता है वह भी जहां पंचायत भवन है वहीं पर। गांव में रोज तिरंगा नहीं फहराया जाता है जबकि केन्द्र व राज्य सरकार के महत्वपूर्ण भवनों व नेताओं के घर पर रोज झण्डा फहराया जाता है। ऐसा भेद इसलिए किया जाता है क्योंकि नेता व अफसर अपने को विशिष्ट व गांव वालों को गुलाम समझते हैं। गांव के लोगों को आजादी का एहसास कराने और अपने संविधानिक अधिकार गांव सरकार के लिए संघर्ष करने के लिए ही तिरंगा फहराकर संदेश दिया जा रहा है। यह अभियान लोकनायक जयप्रकाश नारायण के गांव से शुरूरू किया गया है क्योंकि गांधी लोहिया व अम्बेडकर ने गांव स्वराज्यकी जो आधारशिला रखी है उसको भूदान के माध्यम से जयप्रकाश स्थापित करना चाहते थे। इस अवसर पर अन्न जल संकल्प अभियान के संयोजक ब्रजभूषण दूबे व भारत परिषद के प्रदेश महासचिव बेचू यादव, राष्ट्रीय महासचिव मूलचन्द्र चौहान सहित भारत परिषद व नैतिक पार्टी के अनेक कार्यकर्ता व पदाधिकारी उपस्थित थे।

बाइट चंद्र भूषण न्यायाधीश राष्ट्रीय अध्यक्ष नैतिक पार्टी