आस्था के हिलोरों के साथ निकला शीतला माता का हिंडोला

*किसुन प्रसाद की गली से नौ माता स्वरूप निकले नौ हिंडोले*

*बच्चों से लेकर बूढ़े तक, अविवाहित से लेकर सुहागिन तक पंखा झल रही थीं*

मिर्जापुर। मातृशक्ति की आस्था का भारी सैलाब शीतला माता के निकले हिंडोले में रहा। बच्चे से लेकर बूढ़े तक और कन्या से लेकर महिलाएं तक धूप से तप्त सड़क पर नङ्गे पाव ‘जय हो, मईया जी की जय हो’ उद्घोष के साथ नाचते, झूमते चल रही थीं।
ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा के अवसर सोमवार, 13 जून को सैकड़ों वर्षों से निकलने वाले माता के हिंडोले में इस वर्ष कोरोना के दुष्प्रभावों का असर न होने से गत दो वर्षों में दबी आस्था प्रकट हुई तो किसुन प्रसाद की गली स्थित छोटी माता के मंदिर से नौ दुर्गा के प्रतीक स्वरूप 25-25 फीट के नौ हिंडोले निकाले गए। आगे-आगे 50-50 फीट के बांस के नौ फरहरा के साथ पहली बार पीतल का पताका भी निकला ।
इस धार्मिक यात्रा में हाथ के पंखे से अविवाहित एवं सुहागिन महिलाएं माता की प्रतिमा को हवा कर रही थीं तो नवयुवकों साथ चल रहे डीजे के धार्मिक धुन पर नृत्य कर रहे थे।
रास्ते में तकरीबन हर घर से लोग प्रसाद स्वरुप चावल, पका आम, गुसनारियल, माला फूल चढ़ाते देखे गए। इस जुलूस में वे विशेष रूप से लगे थे जिनकी मनौतियां पूरी हुई हैं या जिनके घर किसी बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति स्वस्थ हुए हैं या जिनकी कोई नई मनौती शुरू हुई है।
जिले में मां विन्ध्यवासिनी की 7 बहनों में जितने शीतला माता के मंदिर हैं, सभी से जुलूस निकाले गए। पूरी रात शहर में भ्रमण के बाद हिंडोला दूसरे दिन प्रयागराज जिले के कड़ेमानीपुर में जाकर स्थापित हो जाएगा।
किसुन प्रसाद की गली से निकले जुलूस के मुख्य आयोजक श्री रामजी माली, अशोक माली, कृष्णा अग्रहरि, अज्जू मालवीय, अभिषेक अग्रहरि, बद्री गुप्ता, यश शुक्ल आदि पूरी व्यवस्था में लगे थे।

*सलिल पांडेय, मिर्जापुर।*