तीसरे दिन भी अनशन जारीधुरिया समाजप्राचीन काल से ही उ.प्र. मे निवासरत है,जो लगभग प्रत्येक गांव मे निवासर त हैं उ.प्र. मे अंधेरी नगरी चौपट राजा का खेल देखिये उ.प्र. मे धीवर,गोडि़या,खरवार, तुरैहा,कमकर,धुरिया,सिंहडि.या,घरूक,रैकवार, रवानी,जाति के लोग निवासरत हैं जिनके सरकारी अभिलेखों मे कहार लिखा है जबकि ये अललग-अलग जातिया है अलग-अलग वर्ग मे है ,लेकिन जिला /तहसील प्रशासन इन्हे जानबूझकर कहार का प्रमाण पत्र देता है,गोडि़या घरूक, रैकवार किसी वर्ग मे नहीं हैं लेकिन इन्हे धड़ल्ले से कहार पिछडे वर्ग का प्रमाण पत्र जारी किया जाता हैअगर मेरा कथन गलत हैतो उ.प्र के जिलाधिकारी, तहसीलदार बतावें कि धीमर ,धुरिया,कमकर ,खरवार घरुक,गोडि़या, तुरैहा, रैकवार, रवानी कौन है उनको कितना प्रमाण पत्र जारी हुआ और शासनादेशमे उल्लिखित जातियां कौन है,शासन ने डी.यम से जबाब मागा है किधुरिया की संख्या 130वर्ष पूर्व आजमगढ मे 27010 थी तो वे कौन लोग है उन्हे चिन्हित कर प्रमाण पत्र जारी करें तो डी.यम को चिन्हित करना पडे़गा,हम मर जायेंगे लेकिन डी.यम से चिन्हित कराकर छोडे़गे अगर नहीं करेगे तो आमरण अनशन होगा किसी के साथ कोई अप्रिय घटना घटती है तो उसकी संपूर्ण जिम्मेदारी डी.यम की होगी मुख्य मंत्री देखे कि उनके आदेश का पालन डी.यम क्यो नहीं कर रहे हैं और डी.यम बतावेंकि शासनादेशमे उल्लिखित गोंड,धुरिया कौन व्यक्ति है डी.यम नहीं बताते है तो मुख्यमंत्री जी को धरना स्थल पर आकर बताना होगा,या राजपत्र शासनादेश वापस लेना होगा । व