काशी में पांच वक्त के नमाज के साथ पांच वक्त हनुमान चालीसा का स्वागत है पांच वक्त की अजान के जरिए पांच वक्त का हनुमान चालीसा का पाठ तो होगा शबा खान

अज़ान से ख्याल आया अज़ान के साथ पांच वक्त हनुमान चालीसा पढ़ना अगर हनुमान चालीसा पांच वक्त होती रहती उसी पांच वक्त पर अजान कायम कर दी जाती तो न जाने कितनी कयामत आ जातीl ऐसा क्यों हुआ ऐसा तो कोई कानून नियम नहीं था ,यह सब साजिश के तहत परेशान करने की वजह है, पर मैं ऐसा नहीं कहूंगी शायद आप होते तो जरूर कहते मैं इसलिए नहीं कहूंगी मेरे लिए गीता और कुरान दोनों बराबर है हम दोनों का एतराम करते हैं और खुशी की बात है हनुमान चालीसा पांच वक्त अजान के ही बहाने पढ़ी तो जाएगीl 98% लोग ऐसे हैं जो जानते ही नहींl हनुमान चालीसा इसी बहाने वह लोग भी हनुमान चालीसा पढ़ना सीखेंगेl और हमेशा होना चाहिए और सब लोगों को सीख लेनी चाहिए हनुमान चालीसा क्योंकि पढ़ने वाले दो मंदिर हजार शायद सब में नहीं पढ़ी जा सकेगी l खुशी की बात है हमारी अजान के जरिए अपने धर्म को जानने की और पढ़ने की कोशिश तो करेंगे जानने को उनको मौका मिलेगाl
जब तक दुनिया है कयामत नहीं आ जाती तब तक कुरान अजान नमाज कायम रहेगी क्योंकि यहां आसमान से उतरी हुई इबादत और कुरान है जिसे अल्लाह ने दुनिया में भेजा है l जब हजरत बिलाल ने अजान नहीं दी सुबह नहीं हुई अज़ान ना होने का मतलब कयामत है आनाl जब तक कयामत नहीं आयेगी अजान नमाज कायम रहेगी l और एक मुसलमान का इमान है चाहे वह किसी भी फिरके का क्यों ना होl
पर क्या है अजान 2 मिनट के लिए होती है आज नमाज शांति का प्रतीक है जो बहुत शांत में पढ़ी जाती हैl सुकून से अदब के साथ और हनुमान चालीसा भी अगर नमाज को देखते हुए 5 टाइम शुरू की गई है तो वह भी इस तरह शांति से सुकून से होगी क्योंकि कॉपी तो अजान की ही की गई है 5 वक्त की इस फैसले से सारे मुसलमान को खुशी है और वह इस्तकबाल करते हैं मुस्लमान हमेशा चाहते हैं रहे हैं ,और उन्होंने भाईचारा कायम रखा है आगे भी कायम रखेंगे पर कोई भी चीज कानून कायदे और दायरे के अंदर हो तो अच्छी लगती है इस्लाम धर्म शांति का प्रतीक है l
और काशी गंगा जमुना तहजीब से जानी जाती हैl यह वही है जहां अजान से सुबह होती l जहां लोग उठते हैं कुछ नमाज पढ़ते हैं वह हिंदू धर्म के लोग दिए जलाते हैं आरती करते नहान करते और शायद इसी वजह से उनको ऐतराज है कि बनारस में काशी में अजान से शुरुआत क्यों होती है सबकी ,हनुमान चालीसा से क्यों ना होl तो अजान की शुरुआत तो सारी दुनिया में होती है कोई बनारस काशी पहेली जगह नहीं है और अच्छी बात गंगा जमुना की तहजीब है बनारस अजान पांच वक्त के साथ हनुमान चालीसा भी हो पर प्यार अमन शांति कायम हो l गंगा जमुना तहजीब यही सिखाती है और तभी गंगा जमुना तहजीब कायम भी भी रहेगी शबा खान