विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन में अपने ही ज़िले आज़मगढ़ के डॉक्टर राहुल श्रीवास्तव का चयन एक अंतरराष्ट्रीय जन अधिकारी के रूप में हुआ है और वह अब पेरिस, फ़्रांस में नियुक्त होने जा रहे हैं। अभी डॉक्टर श्रीवास्तव, दिल्ली में भारत सरकार के पशुपालन अवम डेरीइंग विभाग में BMGF व कन्फ़ेडरेशन ओफ़ इंडीयन इंडस्ट्री के द्वारा एक वन हेल्थ यूनिट की स्थापना की है जिसका उद्घाटन अभी उत्तराखंड में हुआ है।

डॉक्टर श्रीवास्तव पिछले एक दशक से पशु चिकित्सा के क्षेत्र, ख़ास तौर पे छोटे पशुपालकों के उत्थान के लिए भारत ही नहीं बल्कि दक्षिण एसीया और अफ़्रीका के कई देशों में काफ़ी काम किया है।
विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन एक अंतर-सरकारी संगठन है जो विश्व भर में पशु स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिये उत्तरदायी है। वर्ष 2018 में इस संगठन में कुल 182 सदस्य देश थे। इस संगठन का मुख्यालय पेरिस (फ्राँस) में स्थित है। भारत भी इसका एक सदस्य देश है।

डॉक्टर राहुल ने शुरुआती शिक्षा आज़मगढ़ के किसान पूर्व माध्यमिक विद्यालय व वेस्ली इंटर कॉलेज से करने के उपरांत पशु-चिकित्सा अवम पशुपालन कॉलेज, आचार्य नरेंद्र देव कृषि व प्रोध्योगिकी विश्वविद्यालय की डिग्री हासिल करके पहले विद्यार्थी बने, जिसने अपने विश्वविद्यालय से जून्यर रिसर्च फ़ेलोशिप अर्जित करके पशुचिकित्सा से सर्वोच्च संस्थान , भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान से मेडिसिन विषय में परास्नातक की डिग्री अर्जित की ! अपने अध्ययन और अनुसंधान को आगे बढ़ाते हुए विश्व प्रशिद्ध गोविन्द बल्लभ पंत कृषि अवम प्रोध्योगिकी विश्व विध्यालय से MBA किया कृषि वव्साय के क्षेत्र में !
डॉक्टर राहुल का हमेशा मानना रहा है की पशु चिकित्सा व पशुपालन के क्षेत्र में ज़मीनी समस्याओं का सरकारी व ग़ैर सरकारी संस्थाओं के सम्मिलित प्रयास के द्वारा समाधान किया जा सकता है। अपने झारखंड, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ के दुर्गम क्षेत्रों में आदिiवासी व छोटे पशुपालकों के अनुभव से प्रभावित होके एक नए आयाम “वेटनरी सोशल बिज़्नेस” की स्थापना उत्तर प्रदेश, बिहार व नेपाल में की !

तदुपरांत भारत सरकार के साथ मिल के वन हेल्थ के राष्ट्रव्यापी प्रारूप के लिए अहम योगदान किया और ६ अप्रैल को उत्तराखंड में पाइलट की शुरुआत की!

पिछले एक दशक में डॉक्टर राहुल ने सरकारी, ग़ैरसरकारी व कम्पनीयों में दक्षिण एशियाई व अफ़्रीका के कई देशों काफ़ी काम किया है।

डॉक्टर राहुल हमेशा से ही पशुचिकित्सा व कृषि के छात्रों से हमेशा वेबिनार और गेस्ट लेक्चर के रूप में भविष्य में उनके योगदान के लिए चर्चा करते रहते है! इनको ये प्रेरणा अपने पिता जी श्री रमाकान्त लाल श्रीवास्तव तथा बाबा स्वर्गीय श्री छेदी लाल श्रीवास्तव जो कि जयनगर (जिगनी), मेंहनगर में स्कूल के प्रधानाचार्य थे, से मिली ! डॉक्टर राहुल कहीं भी हो लेकिन उनका मन हमेशा आज़मगढ़ में ही लगा रहता है क्यूँकि इनकी ननिहाल भी नगरपालिका कॉलोनी में है और अपने नाना जी स्वर्गीय श्री परमानंद लाल श्रीवास्तव से इन्होंने काफ़ी सीखा।