गाजीपुर।(शमीम अंसारी)तहसील जखनिया अंतर्गत शिवरामपुर गांव के सुनील कुमार यादव का पार्थिव शरीर पहुंचते ही क्षेत्र में कोहराम मच गया गांव का जर्रा जर्रा रो रहा था हर आँखों में आँसू था वहीं सुनील यादव अमर रहे के नारे लग रहे थे ।ज्ञात हो कि सुनिल यादव 27 की मौत की सूचना 12 मार्च दिन शनिवार को परिजनों को फोन कर दी गई संम्बन्धित अधिकारी ने बताया कि अचानक उनकी तबीयत खराब होने से सैनिक सुनील कुमार यादव की मृत्यु हो गई है। यह सूचना दिल्ली आर्मी हेड क्वार्टर से मोबाइल फोन से पिता भजन यादव को शनिवार सुबह पाच बजे मिली थी सूचना मिलते ही पूरे गांव में मातम कोहराम मच गया । बताते चलें की कुछ ही दिन पूर्व घर से दिल्ली ड्यूटी पर गये थे।सुनील यादव 2012 में ए.एस. सी. एम. टी. सी. कोर हिमाचल में भर्ती हुए थे। इनका आर्मी के दिल्ली मुख्य कार्यालय से इजराइल भी जाने के लिए चयन भी किया गया था ।जो कुछ ही दिनो मे जाने वाले थे । सुनील यादव घर से मिलकर एक सप्ताह पहले ड्यूटी पर दिल्ली गए थे ।
ड्यूटी के दौरान ही अचानक उनके स्वास्थ्य में शिकायत होने पर इलाज के लिए दिल्ली मे आर्मी के आरआर चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। जहां उनकी मौत हो गई थी।पिता भजन यादव व इनकी पत्नि रोशनी देबी को दिल्ली आर्मी कार्यालय बुलाया गया था इनके पिता भजन यादव भी आर्मी से 2016 में सेवानिवृत्त होकर घर पर खेती का काम देखते हैं। मां का देहांत पहले ही हो गया था।दो भाइयों में यह छोटे थे ।इनके पास दो पुत्र हैं।पत्नि वाराणसी में अपने दोनों बेटों को रहकर पढ़ाती हैं। सुनील का पार्थिव शरीर गांव पहुंचते ही क्षेत्र के आसपास गांव के लोग काफी संख्या में सुनील के दरवाजे पर पहुंचे थे।
*पार्थिव शरीर का इंतजार करते रहे सांसद एवं विधायक गण*
गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी जखनिया के साथ साथ विधायक बेदी राम, पूर्व विधायक उमाशंकर कुशवाहा, विजय कुमार समेत क्षेत्र के तमाम जनप्रतिनिधि सुबह से ही सैनिक सुनील कुमार यादव के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन करने हेतु घर पर जमे रहे परंतु किन्ही कारणों वश सैनिक का पार्थिव शरीर आने में विलंब होने की सूचना पर सांसद एवं विधायक लगभग चार घंटे इंतज़ार के बाद कुछ जरूरी काम बता कर क्षेत्र में निकल लिए सांसद अफजाल अंसारी ने सैनिक सुनील कुमार यादव को शहीद का दर्जा देने की मांग की उन्होंने बताया कि जो सैनिक माइनस 23 डिग्री सेल्सियस पर नौकरी करते हुए दिवंगत होता है वह भी किसी लड़ाई से कम नहीं है उसे भी शहीद का दर्जा मिलना चाहिए। इसी क्रम में उन्होंने परिवार के सदस्यों से बात किया तथा उन्हें ढांढस बढ़ाया और कहा कि हम इस दुख की घड़ी में आपके साथ हैं तथा परिजनों से बात कर उन्हें सांत्वना दिया उन्होंने कहा कि गाजीपुर की धरती शहरों की धरती है। इस क्रम में आज एक और हमारे लाल का नाम जुड़ गया।