


पुनीत पाठक के दावों पर सवाल, कार्यक्रम में दिखाई नहीं दी मौजूदगी
आजमगढ़। उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की सदस्य डॉ. प्रियंका मौर्या ने बुधवार को आजमगढ़ में जन सुनवाई कार्यक्रम के दौरान सोशल मीडिया पर वायरल एक ऑडियो को लेकर अपनी चुप्पी तोड़ी। इस ऑडियो में कथित तौर पर उनके पति और पत्रकार संगठन के पदाधिकारी होने का दावा करने वाले पुनीत पाठक की बातचीत शामिल है। डॉ. मौर्या ने इसे ओछी राजनीति करार देते हुए कहा कि जो लोग इस मामले को तूल दे रहे हैं, वे संभल जाएं। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्हें इस मामले में शामिल लोगों और उनके पीछे की सियासत की पूरी जानकारी है।

डॉ. मौर्या ने कहा, “जो व्यक्ति इस तरह की राजनीति कर रहा है और उसके आका जो इसके जरिए सियासत करवा रहे हैं, वे समझ लें कि हम विचलित होने वाले नहीं हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि पुनीत पाठक ने बार-बार उनसे संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कोई ठोस काम नहीं बताया। उन्होंने सवाल उठाया कि यदि पुनीत पाठक के दावों में सच्चाई थी, तो वे उनके कार्यक्रम में क्यों नहीं आए।
पुलिस लाइन सभागार में आयोजित जन सुनवाई में डॉ. मौर्या ने कुल 30 प्रकरणों पर सुनवाई की, जिनमें घरेलू हिंसा, छेड़खानी, जमीनी विवाद, गुमशुदगी और साइबर क्राइम से संबंधित मामले शामिल थे। इनमें से 12 प्रकरणों का त्वरित निस्तारण किया गया। उन्होंने पीड़ित महिलाओं को आश्वस्त किया कि वे डरें नहीं, क्योंकि राज्य महिला आयोग उनके साथ है। उन्होंने महिलाओं को सशक्त, आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनने की सलाह दी।
जन सुनवाई में सखी वन स्टॉप सेंटर में 10 दिनों से रह रही एक मानसिक रूप से अस्वस्थ अज्ञात महिला/बालिका को भी प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में क्षेत्राधिकारी सदर, उप जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी, जिला प्रोबेशन अधिकारी, जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी, जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी, महिला थानाध्यक्ष, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, जिला श्रम प्रवर्तन अधिकारी, बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड और वन स्टॉप सेंटर के कर्मी उपस्थित रहे। डॉ. मौर्या ने कहा कि वे आजमगढ़ में महिलाओं के विकास और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए प्रतिबद्ध हैं और इस तरह की सियासत उन्हें उनके मिशन से नहीं डिगा सकती।
