#बढ़ता कारोबार: कानपुर का निर्यात 599 करोड़ बढ़ा, सैडलरी की चमक भी बढ़ने लगी#

कानपुर के निर्यातकों के लिए बीते पांच माह कारोबार के लिहाज से राहत भरे रहे हैं। दिसंबर 2024 से अप्रैल 2025 के बीच शहर से 7,509 करोड़ का निर्यात किया गया। बीते साल इस अवधि में 6,910 करोड़ का निर्यात हुआ था। यानी पांच महीने में 599 करोड़ का अधिक निर्यात किया गया। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की रिपोर्ट से यह जानकारी सामने आई है।

इसके साथ ही निर्यात में सैडलरी की हिस्सेदारी भी बढ़ी है। अकेले 1015 करोड़ की सैडलरी का निर्यात हुआ। बीते साल 1206 करोड़ की सैडलरी का निर्यात किया गया था। जानकारों का कहना है कि इस वित्तीय वर्ष के तीन महीनों के आंकड़े अगले महीने तक आ जाएंगे। इस दौरान करीब 400-500 करोड़ की सैडलरी का निर्यात बढ़ने की संभावना है। यानी शहर की सैडलरी की चमक भी बढ़ने लगी है। रिपोर्ट के मुताबिक शहर से चमड़ा और चमड़ा उत्पाद, फुटवियर, आयरन, स्टील, सैडलरी, हारनेस, प्रसंस्कृत फ्रोजन मीट, फैब्रिक्स, इंजीनियरिंग उत्पाद, मशीनरी, मोती, पत्थर, रेडीमेड गारमेंट, टेक्सटाइल, मुर्गी दाना, सिर के बालों का निर्यात किया गया है।

कोरोना काल 2021-22 में कानपुर से सबसे ज्यादा 1700 करोड़ का निर्यात किया गया था। 2022-23 में 1400 करोड़ का निर्यात हुआ था, जबकि 2023-24 में 1206 करोड़ का निर्यात किया गया था। सैडलरी के निर्यात में लगातार गिरावट आ रही थी। सैडलरी चमड़ा निर्यात में सबसे मुख्य उत्पाद है। दरअसल, कोरोना के लिए चीन को जिम्मेदार मानते हुए तमाम देशों ने चीन से कारोबारी गतिविधि कम करके कानपुर समेत देश के साथ कारोबार शुरू किया था। इसका असर ये रहा कि निर्यात तेजी से बढ़ा। यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका में सैडलरी की मांग तेजी से बढ़ी है। निर्यातक सऊदी अरब और यूएई में पैठ बढ़ाने की कवायद तेजी से कर रहे हैं।

बीते सालों का निर्यात
2021-22: 9509 करोड़
2022-23: 8995 करोड़
2023-24: 8990 करोड़

कोरोना काल में सैडलरी का सबसे ज्यादा निर्यात हुआ था। फिर बीच में निर्यात कम हो गया। अब सैडलरी का निर्यात बढ़ने लगा है। यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, यूएस में इसकी मांग बढ़ी है। यूरोप के कारोबारी शहर के उत्पादों को अपने ब्रांड से बेचते हैं। परिषद ने नया ब्रांड अवार्ड भी शुरू किया है, ताकि कानपुर के ब्रांडों की पहचान और बढ़े। सऊदी अरब, यूएई में कारोबारी संभावनाएं तलाशी जा रही हैं

कानपुर समेत प्रदेश भर से निर्यात बढ़ा है। 15 अप्रैल को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने रिपोर्ट जारी की है। कानपुर से 599 करोड़ का निर्यात हुआ है। दो साल बाद सैडलरी का निर्यात बढ़ना बहुत अच्छा संकेत है। सैडलरी उत्पादों की सबसे ज्यादा मांग वैश्विक स्तर पर होती रही है। अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते की बातचीत शुरू हो गई है। इस समझौते का होना शहर के चमड़ा उद्योग के लिए बहुत अच्छे अवसर लेकर आएगा

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय लगातार निर्यात बढ़ाने में सहयोग कर रहा है। सरकार का फोकस भी निर्यात पर तेजी से बढ़ा है और नए-नए बाजार में पहुंच बढ़ाने के लिए सब्सिडी और आर्थिक सहायता उपलब्ध करा रही है। चीन-अमेरिका के बीच टैरिफ वार अपने चरम पर है। कानपुर अमेरिका के लिए बड़ा बाजार है। सरकार की कोशिश कम से कम या शून्य टैरिफ करने की है। इसका सीधा लाभ शहर के कारोबार को मिल सकेगा।