#Amit Murder Case: अमित ने रविता पर उठाया था हाथ, बस स्टैंड पर सामने आ गई थी करतूत; तभी तय किया… आज ही मार देंगे#

 सौरभ राजपूत के बाद देश की सनसनी बने अमित कश्यप हत्याकांड की पटकथा शाकंभरी देवी से लौटते समय ही लिख दी गई थी। वहां से लौटते समय बहसूमा बस स्टैंड पर रविता और अमित बच्चों के साथ बस से उतरे। तभी अमरदीप पहले से रविता का इंतजार कर रहा था। 

अमित के इधर-उधर होते ही दोनों ने बातचीत शुरू कर दी। तब अमित ने दोनों को देख लिया था। घर पहुंचने के बाद अमित ने रविता की पिटाई की। दोनों में काफी नोकझोंक हुई। उसके बाद रात दस बजे अमरदीप सांप लेकर घर पहुंचा, उसके बाद दोनों ने अमित की हत्या कर दी। 

बहसूमा थाना क्षेत्र के गांव अकबरपुर सादात निवासी अमित शनिवार रात दस बजे खाना खाने के बाद चारपाई पर लेट गया था। बाद में पत्नी रविता ने काल कर पड़ोस में रहने वाले अपने प्रेमी अमरदीप को बुलाया। साजिश के अनुसार अमरदीप सांप लेकर पहुंच गया।

पत्नी ने पकड़े पैर, प्रेमी ने दबाया गला

रविता ने सोते हुए अमित के हाथ पकड़ लिए और अमरदीप ने गला दबा दिया। इसके बाद सांप को शव के नीचे छोड़ दिया। रात में ही अरमदीप वहां से अपने घर लौट गया। उसके बाद रविता भी तीनों बच्चों के संग कमरे में सो गई। सुबह उठकर नाश्ता तैयार किया।

बेटे को नाश्ता लेकर अमित के पास भेजा। तब बेटे ने सांप को बिस्तर पर देखकर शोर मचाया। उसके बाद सभी परिवार के लोग एकत्र हो गए। पूरे गांव में हल्ला मच गया कि सांप के काटने पर अमित की मौत हो गई। उसके बाद भी परिवार के लोग अमित को उठाकर अस्पताल ले गए, जहां से मृतक की जानकारी बहसूमा पुलिस को मिली। पुलिस शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए पहुंच गई।

 

पुलिस के सामने दीवार बनकर खड़ी हो गई थी रविता

बहसूमा पुलिस ने बताया कि जब अमित के शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए पंचनामा भरने लगे, तब रविता रोते रोते पुलिस के सामने खड़ी हो गई। बोली, पहले सांप ने डस लिया, अब डाक्टरों पर शरीर की चीरा फाड़ी नहीं करा पाएंगे। उन्हें पोस्टमार्टम नहीं कराना है।

 

रविता की हां में हां मिलाते हुए परिवार भी खड़ा हो गया। सभी ने एकजुट होकर कहा कि अमित का पोस्टमार्टम नहीं होने देंगे। परिवार को दरकिनार कर पुलिस ने पंचनामा भरा और शव को पोस्टमार्टम कराने के लिए भेज दिया।

 

यदि पोस्टमार्टम नहीं होता तो अमित की हत्या सिर्फ एक हादसा ही प्रतीत होती। गांव के लोग इस पूरे प्रकरण में बहसूमा पुलिस को धन्यवाद देने भी पहुंचे थे। उनकी मांग थी कि पुलिस सभी सबूत जुटाकर आरोपितों को फांसी दिलाए।